2024 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी और केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ एक महागठबंधन बनाने के तहत शुक्रवार को पटना में शीर्ष विपक्षी नेताओं की एक बैठक बुलाई है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवाह्रान पर यह महाबैठक बुलाई गई है. बैठक में विपक्षी पार्टियों के कई बड़े शामिल होने जा रहे है. बैठक का उद्देश्य अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने पर है.
विपक्षी दलों के यह नेता होंगे शामिल
नीतिश कुमार के आवाह्रान पर बुलाई गई इस महाबैठक में 15 मुख्य विपक्षी दल शामिल होने वाले है. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे , पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, आप संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन , सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना के पूर्व अध्यक्ष उध्दव ठाकरे, एनसीपी अध्यक्ष शरद पंवार, डीएमके चीफ स्टालिन, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, सीपीआई नेता डी राजा, कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी इस उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेने वाले हैं.
क्या होगी चर्चा ?
विपक्षी दलों की इस महाबैठक का एंजेडा संभवतः ‘मोदी हटाओ’ (पीएम मोदी हटाओ) के बजाय लोगों के मुद्दों, कार्यक्रमों और नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने पर होगा. बैठक में पीएम संबंधी सवालों को दरकिनार कर मुख्य उद्देश्य अगले साल होने वाले चुनाव की रणनीति पर होगा. सूत्रों के अनुसार बीजेपी के खिलाफ 450 सीटों पर एक विपक्षी उम्मीदवार खड़ा करने पर विपक्षी दलों की सहमति बन सकती है. अरविंद केजरीवाल बैठक में अध्यादेश तो वहीं ममता कांग्रेस और लेफ्ट की साठ गांठ का मुद्दा उठाएगी.
केजरीवाल ने लिखा पत्र
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि 23 जून की बैठक में कांग्रेस को सबके सामने अध्यादेश पर रुख साफ करना होगा।” साथ ही केजरीवाल ने विपक्षी दलों की बैठक से पहले 21 जून को गैर-भाजपा दलों के नेताओं को एक पत्र लिखा और पार्टियों से केंद्र सरकार द्वारा घोषित “असंवैधानिक” “दिल्ली विरोधी” अध्यादेश को पहले के रूप में सूचीबद्ध करने का आग्रह किया है.
आप ने बहिष्कार की दी धमकी
केजरीवाल के अनुरोध के बावजूद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अध्यादेश पर चर्चा के लिए अभी तक उनसे मुलाकात नहीं की है।आप ने चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उसकी लड़ाई का समर्थन नहीं करती है तो वह विपक्ष की बैठक से बहिर्गमन कर देगी।
ममता, केजरीवाल और कांग्रेस की टक्कर
कांग्रेस ने ममता और केजरीवाल पर बैठक में निशाना साधने की योजना बनाई है .सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने बैठक में दोनों नेताओं – केजरीवाल और ममता – पर पलटवार करने की योजना तैयार की है।कांग्रेस सूत्रों ने कहा, ”हम कहते हैं कि मोदी सरकार तानाशाह है और जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है और संवैधानिक संस्थानों पर कब्जा कर रही है, पंजाब में आम आदमी पार्टी और बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का रवैया मोदी सरकार जैसा ही है।” “ममता-केजरीवाल को याद दिलाएंगे कि कैसे उन्होंने अलग-अलग राज्यों में चुनाव लड़कर बीजेपी को फायदा पहुंचाया। धारा 370, उपराष्ट्रपति जैसे मुद्दों पर ममता और केजरीवाल अलग-अलग रुख अपनाते रहे, जिससे बीजेपी सरकार को मदद मिली।
ममता ने लालू और उनके परिवार से की भेंट
ममता बनर्जी बैठक से पहले ही पटना पहुंच गई थी. पटना पहुंचने के बाद ममता बनर्जी ने आरएलजडी के अध्य़क्ष लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इसके बाद ममता दीदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से भी मुलाकात की.
बीजेपी का विपक्ष से सवाल
बीजेपी भी विपक्षी दलों के आपसी मतभेदों को लेकर निशाने साध रही है. साथ ही बीजेपी विपक्षी दलों के नेता पर भी सवाल उठा रही है. विपक्ष से बीजेपी का एक ही सवाल है कि विपक्ष का प्रधानमंत्री चेहरा कौन होने वाला है, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पूछा है कि आपका प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा. बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद कहा है कि ये सभी कुर्सी के स्वार्थी लोग है और पीएम का मुकाबला नहीं कर सकते हैं.