कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता के बाद कांग्रेस बेहद उत्साहित है। कांग्रेस को लगता है कि आने वाले समय में जिन राज्यों विधानसभाचुनाव होना है वहां भी उसकी बड़ी सफलता मिलेगी। इसी उम्मीद के बीच कांग्रेस बेंगलुरु में शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है। विपक्षी की बैठक के ठीक 5 दिन पहले कांग्रेस बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में साइलेंट प्रोटेस्ट करने जा रही है। जहां से कांग्रेस अपना शक्ति प्रदर्शन कर राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल करने की मांग करेगी। साथ ही खुद की ताकत दिखाकर एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास करेगी।
एक तीर से दो निशाने साधेगी कांग्रेस
कांग्रेस के इस प्रोटेस्ट को लेकर राजनीति की गलियों में चर्चाएं भी जोर पकड़ने लगी हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस प्रोटेस्ट से एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है इसलिए प्रदर्शन के सफल होने की ज्यादा संभावना है। यदि सही में प्रदर्शन सफल हुआ तो सरकार पर राहुल गांधी की सदस्यता की बहाली का प्रेशर बनेगा और विपक्षी दलों को कांग्रेस की ताकत दिखाने का एक मौका मिल जाएगा। मतलब चाहे सरकार हो या फिर विपक्षी दल दोनों को अपना ताकत दिखाकर कांग्रेस दबाव बना सकती है।
आम लोगों को असुविधा में नहीं डालेगी कांग्रेस
बैठक के पांच दिन पहले 12 तारीख को प्रदेश संगठन ने बेंगलुरू में ‘साइलेंट प्रोटेस्ट’ की योजना भी बनाई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने के खिलाफ कार्यकर्ताओं का ये विरोध रोष मार्च में न तब्दील हो जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी न हो, इस बात की खास ताकीद एआईसीसी की तरफ से की गई है। कर्नाटक में सरकार कांग्रेस की है। साइलेंट प्रोटेस्ट की कमान उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के हाथों में है तो माना जा रहा है कि बुधवार, 12 को कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या में बेंगलुरू में आमद होगी। जिस मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दिवस मनाया जाएगा उसका नाम फ्रीडम पार्क है।
बोलने की चाहिए आजादी
बोलने की आजादी मांगते हुए,राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने के साथ कर्नाटक कांग्रेस विरोध दर्ज कराएगी। ये बात अलग है कि राहुल गांधी को अयोग्य गुजरात कोर्ट के फैसले की वजह से ठहराया गया, मगर ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि योजनाबद्ध तरीके से राहुल गांधी को पहले संसद में जनहित के मसलों पर बोलने से पहले रोका गया।
इसलिए बदला बैठक का स्थान
पटना में गत 23 जून को हुई विपक्षी एकता की बैठक के बाद बेंगलुरू में बड़ा जमावड़ा हो रहा है। पहले ये बैठक शिमला में तय हुई थी, मगर खराब मौसम की वजह से इसे बेंगलुरू शिफ्ट करना पडा। बैठक चूंकि 2024 में भाजपा को हराने की एका का रूप है इसीलिए 28 लोकसभा सीटो वाली कर्नाटक का अपना महत्व है।