‘मणिपुर के बहाने और लालू के निशाने’ क्या बदलेंगे बिहार के मायने

एक दौर था जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की भाषा शैली और उनका अंदाज लोगों को ठहाके लगाने के लिए मजबूर कर देता था। अब बढ़ती उम्र और बीमारी ने उन पर कई तरह की पाबंदी लगा दी है। लेकिन राजनैतिक दांव पेंच का लोहा आज भी माना जाता है। मणिपुर हिंसा के मामले में लालू ने जो भी कहा वो एक बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। इसके एक नहीं कई कारण है।

बस यही लालू का अंदाज

इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव राजनीति के एक मंझे हुए खिलाड़ी है। उनका फेंके हुए एक एक पांसे में कई संदेश छुपे होते हैं। समझने वाले समझ जाते हैं और न समझने वाले फंस जाते हैं। बस यही लालू का अंदाज है जिसके कारण आज भी बिहार में लालू का रुतबा प्रभावित हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ है। उनकी बात को आज भी विपक्षी दल गंभीरता से लेते हैं और उसके मायने निकालते हैं। मणिपुर हिंसा पर उन्होनें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर जिस तरह से वाल दागे है उसका बिहार पर कितना फर्क पड़ेगा इस पर विचार करना होगा।

लालू ने एक तीर से दो निशाने साधे

लालू प्रसाद यादव इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। उन्होने टिवीट कर कहा कि मणिपुर हिंसा में अब तक 54 लोगों को जाने चलीं गई है। जम्मू कश्मीर में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं किसान,गरीब,महिला खिलाड़ी अलग से परेशान हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अ​मित शाह अपने चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं। हर रोज करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं। इस बयान पर जानकारों का मानना है कि लालू ने एक साथ दो निशाने साधे हैं। पहला तो उन्होंने महिला खिलाड़ियों का समर्थन किया है दूसरा मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर भी सहानुभूति बटोरने की कोशिश की है।

अब शांती की तरफ बढ रहा मणिपुर

बता दें कि मणिपुर में मैतई समुदाय को एसटी की श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। 3 मई को हुई इस घटना में 54 लोगों की मौत हुई थी और काफी नुकसान हुआ था। भारी पुलिस बल तैनात किया गया और हिंसा फैलाने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए थे। इसके बाद अब वहां धीरे धीरे शांति होने लगी है। रविवार को इंफाल में बाजार भी खुले।

राजौरी में पांच जवानों की शहादत

हाल ही में जम्मू कश्मीर के राजौरी में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई,जिसमें हमारे पांच बहादुर जवान शहीद हो गए। शनिवार के दिन देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह राजौरी पहुंचे और उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों का पूरे मान सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

 

 

 

 

Exit mobile version