बालासोर रेल हादसा,रेलवे के इस सिस्टम की चूक ने ली 288 यात्रियों की जान

Odisha Balasore train accident

ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया है। हादसे के दूसरे दिन शनिवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने घटनास्थल का दौरान किया था। उनके साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी थे। पीएम जरुरी दिशा निर्देश देकर भुवनेश्वर से दिल्ली लौट चुके हैं। रेल मंत्री अभी वहीं हैं। इस बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी रविवार को भुवनेश्वर पहुंचे। मनसुख मांडविया AIIMS का दौरा कर रेल हादस में घायल हुए लोगों से मुलाकात करेंगे। पीड़ितों को प्रदान की जा रही चिकित्सा सहायता का जायजा लेंगे। इसके लिए वे एम्स भुवनेश्वर और कटक में मेडिकल कॉलेज का दौरा करेंगे।

वहीं रेल मंत्री ने रविवार को बालासोर में दुर्घटनास्थल पर मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के मूल कारणों का पता लगा लिया गया है। वैष्णव ने कहा इंटरलॉकिंग सिस्टम में चूक के कारण दुर्घटना हो सकती है। उन्होंने कहा कि पटरियों से सभी क्षतिग्रस्त बोगियों को हटा दिया गया है। रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि हमारा लक्ष्य बुधवार सुबह तक बहाली का काम पूरा करने का है। जिससे इस ट्रैक पर ट्रेन फिर से दौड़ना शुरू हो सकें।

मरम्मत में लगे 1000 से अधिक लोग

हादसे के बाद बहाली का काम जोरों पर है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक करीब एक हजार से ज्यादा लोगों की टीम मरम्मत के काम में लगी हुई है। साइट पर सात से अधिक पोकलेन मशीन, दो दुर्घटना राहत ट्रेन और तीन से चार रेलवे और रोड क्रेन को भी सेवा में लगाया गया है। इससे पहले जांचकर्ता टीम शनिवार को तीन ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे किसी मानवीय त्रुटि, सिग्नल की विफलता और अन्य संभावित कारणों की तलाश कर रही थी। अधिकारियों ने लगभग तीन दशकों में भारत में सबसे बड़ी रेल दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। जिसमें कम से कम 288 लोग मारे गए और 1,100 से अधिक घायल हुए हैं। बता दें कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन में प्रवेश करने के लिए सिगनल दिया गया था लेकिन इसे हटा लिया गया। जिससे ये हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन में प्रवेश करने के लिए एक सिग्नल दिया गया था, लेकिन इसे हटा दिया गया। लेकिन ट्रेन लूप लाइन में प्रवेश कर गई। जहां पहले से एक मालगाड़ी खड़ी थी। जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस टकरा गई। इसके बाद बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जो तेज गति से आ रही थी वो कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ये डिब्बे बगल के ट्रैक पर बिखर गए थे।

एम्स दिल्ली से चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम पहुंची

एम्स दिल्ली के चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम 1 हजार से अधिक घायलों और 100 गंभीर रोगियों को उपचार प्रदान करने के लिए चिकित्सा उपकरणों के साथ ओडिशा के रेल दुर्घटना स्थल का दौरा करने के लिए तैयार है। घायल व्यक्तियों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने में सहायता के लिए आंध्र प्रदेश से दस एंबुलेंस ओडिशा पहुंच गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया घायल पीड़ितों को प्रदान की जा रही चिकित्सा सहायता का जायजा लेने के लिए एम्स भुवनेश्वर और कटक में मेडिकल कॉलेज जाएंगे।

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