ओडिशा में 24 साल बाद मोहन चरण माझी के रुप में राज्य को एक नया मुख्यमंत्री मिला है। मोहन चरण माझी ओडिशा राज्य के 15वें और बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री हैं। उनके साथ राज्य के तेजी से विकास के लिए बीजेपी ने दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए हैं। जिसमें पार्वती परीदा और केवी सिंह देव का नाम शामिल है।
- अबकी बार ओडिशा में ‘माझी’ सरकार..
- सरपंच से सीएम तक का सफर..
- इस तरह टूटा 24 साल बाद नवीन पटनायक का तिलिस्म
- मोहन चरण माझी चौथी बार चुने गये विधायक
- बीजू जनता दल की मीना माझी को किया परास्त
- माझी परिवार के पास है 1.97 करोड़ की चल अचल संपत्ति
- कभी हुए थे विधानसभा से निलंबित
- माझी को मना जाता है आक्रामक स्वभाव का नेता
- माझी ने किया था मिड डे मील में करोड़ों के घाेटाले को उजागर
- ओडिशा विधानसभा में स्पीकर पर फेंक दी थी दाल
- मांझी को तब कर दिया था विधानसभा से निलंबित
- तय किया सरपंच से विधायक और सीएम तक का सफर
- 1997 में सबसे पहले बने थे सरपंच
- 2000 में बीजेपी के टिकट पर पहली बार बने विधायक
- 2009 में भी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता
- 2019 में फिर से क्योंझर सीट से ही दर्ज की जीत
- 2024 के चुनाव में भी माझी क्योंझर सीट से जीते
राज्य में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनाव में भारी सफलता हासिल करते हुए नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद सरकार के 24 साल के शासन को समाप्त कर दिया है। बीजू जनता दल के मुखिया नवीन पटनायक ने ओडिशा राज्य में लंबे वक्त तक शासन किया है। पटनायक साल 2000 से लगातार 2024 तक ओडिशा राज्य के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन इस बार बीजेपी ने ओडिशा विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता में काबिज बीजू जनता दल पटनायक के विजयरथ में ब्रेक लगा दिया। बड़ी जीत दर्ज करते हुए बीजेपी ने राज्य विधानसभा की 147 सीटों में से 78 पर कब्जा किया है।
BJP ने पटनायक के विजयरथ को रोका
राज्य में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनाव में भारी सफलता हासिल करते हुए नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद सरकार के 24 साल के शासन को समाप्त कर दिया है। बीजू जनता दल के मुखिया नवीन पटनायक ने ओडिशा राज्य में लंबे वक्त तक शासन किया है। पटनायक साल 2000 से लगातार 2024 तक ओडिशा राज्य के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन इस बार बीजेपी ने ओडिशा विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता में काबिज बीजू जनता दल पटनायक के विजयरथ में ब्रेक लगा दिया। बड़ी जीत दर्ज करते हुए बीजेपी ने राज्य विधानसभा की 147 सीटों में से 78 पर कब्जा किया है।
माझी ने सरपंच से की थी राजनीति की शुरुआत
मोहन चरण माझी ने सरपंच से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। जब वे पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे उस समय नवीन पटनायक भी पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री चुने गये थे। माझी को बीजेपी का समर्पित कार्यकर्ता माना जाता है।
साथ ही उन्हें संगठन में भी काम करने का अच्छा अनुभव है। इसके अलावा संघ में भी मोहन चरण की पकड़ मजबूत मानी जाती है।
ओडिशा एक आदिवासी बहुल राज्य है। ऐसे में बीजेपी ने भी मुख्यमंत्री के लिए एक आदिवासी चेहरे को ही चुना। बता दें ओडिशा राज्य में करीब चार करोड़ से अधिक की आबादी है। जिसमें से आदिवासियों की जनसंख्या करीब एक करोड़ के आस-पास है।
राज्य की करीब 30 से 35 विधानसभा सीटों पर आदिवासी वर्ग का दबदबा माना जाता है।
बीजेपी संगठन के अनुभवी नेता
मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी, 1972 को हुआ था। उनकी पत्नी का नाम डॉक्टर प्रियंका मरांडी है। माझी को विधायक के साथ ही साथ पार्टी संगठन में भी काम करने का अच्छा अनुभव है। वे राज्य में पार्टी के आदिवासी मोर्चा में रहकर काम कर चुके हैं। क्योंझर जिले के क्योंझर सदर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में आने वाला रायकला गांव उनका पैतृक गांव है। वे संथाल जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। बता दें संथाल जनजाति वर्ग के लोग की सबसे अधिक जनसंख्या झारखंड और ओडिशा के साथ पश्चिम बंगाल में है।