मध्यप्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन होने जा रहा है। जनवरी के दूसरे सप्ताह में होने वाले इस सम्मेलन में तकरीबन पांच हजार प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। इस सम्मेलन में शामिल होने इंदौर आ रहे भारतीयों को लोगों के घरों में ठहराने की व्यवस्था रखी जा रही है। प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन के लिए आखिर इंदौर को ही क्यों चुना आइए समझते हैं कि इंदौर में क्या क्या खासियत है जो प्रवासी भारतीयों के लिए हिंदुस्तान की धऱती पर उनके आने को और यादगार बना देगी।
जानें इंदौर की खास बातें
इंदौर को मिनी मुंबई कहा जाता है
इंदौर शहर को मिनी मुंबई के नाम से जानते है।
इंदौर शहर मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी है
इंदौर शहर अपनी जीवंतता के लिए जाना जाता है।
इंदौर शहर अपने स्वादिष्ट व्यंजन और पारंपरिकता के लिए जाना जाता है।
मालवा के पठार में आने वाला ये शहर उत्सवों के लिए जाना जाता है
मध्यप्रदेश के मालवा इंदौर के बारे में कहा जाता है सात वार नौ त्यौहार
इंदौर का नाम कैसे पड़ा इंदौर
इंदौर शहर के नाम को लेकर अलग अलग कथाऐं भी हैं और इतिहास भी।इतिहास के आधार पर देखें तो
इंदौर शहर को पहले इंद्रपुरी के नाम से जाना जाता था।
1741 के आसपास यहां पर इस शहर में मराठा आए। मराठाओं ने आने के बाद इंद्रपुरी को इंदूर कहा जाने लगा। मराठी भाषा में इंद्रपुरी को इंदूर कहा जाता है।
मराठाओं के बाद 1800 में ब्रिटिश आए, उन्होंने इंदूर को इंदोर (INDOR )कहा उसके बाद इंदौर का नाम बदलकर इंदौर (INDORE) ही पड़ गया।
ब्रिटिश के चलते इंदूर को इंदौर कहा जाने लगा।
मालवा के पठार में आने वाले इस शहर मेंएक लंबे समय तक मराठों का राज रहा।
अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए मशहूर है इंदौर
इंदौर अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए जाना जाता है ।इंदौर के लोग खाने के बहुत शौकीन हैं। इन्ही शौकिनों को स्थानीय भाषा में चटोरा कहा जाता है।
इंदौर के खास व्यंजन में पोहा और जलेबी है। इंदौर में सुबह का ब्रेकफास्ट इसी का किया जाता है।
पोहा और इंदौर एक दूसरे का पर्याय ही हैं
इंदौर के लोग पोहे के साथ जलेबी खाते हैं साथ ही बेसन से बने स्वादिष्ट व्यंजन भी इसमें शामिल होतें है।
इसके अलावा इंदौर में दाल बाफले, चूरमा के लड्डू खासतौर पर खाए जातें हैं।
इंदौर में खाने के लिए फेमस छप्पन दुकानें है जहां का स्ट्रीट फूड बहुत स्वादिष्ट होता है।
इंदौर में सराफा में बना चाट बाजार रात 9 बजे से सुबह 2 बजे तक खुला रहता है।
हर रात यहां चाट खाने वालों की भीड़ लगी रहती है।
इंदौर की मेहमान नवाजी भी खास है
इंदौर की मेहमान नवाज़ी भी खास मानी जाती है। इंदौर के समृद्द सांस्कृतिक अंदाज के चलते प्रवासी भारतीयों को इंदौर शहर होटलों के साथ साथ इंदौरियों के घरों में रूकाया जा रहा है। इससे प्रवासी भारतीय हिंदुस्तान की मीठी यादों के साथ रवाना होंए।