सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना और सरकार के निर्देशों के बाद भारतीय पशु कल्याण बोर्ड यानी एडब्ल्यूबीआई ने 14 फरवरी को गाय से गले लगने का दिवस के रूप में मनाने की अपील की थी, लेकिन बढ़ते विरोध के बाद ये अपील वापस ले ली गई। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रुपाला की टिप्पणी के एक दिन बाद बोर्ड के सचिव एसके दत्ता ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए एक नोटिस के माध्यम से यह अपील वापस ले ली। हालांकि बोर्ड ने गाय को गले लगाने की बात यूं ही नहीं कही थी। गाय पर किये गये अध्ययनों से पता चला है कि गाय की धीमी धड़कन,शरीर का गर्म तापमान और बड़े आकार के कारण, गाय को गले लगाने से मनुष्य को एक सुखद अनुभूति मिलती है और उन्हें आराम मिलता है। गाय पर हाथ फेरने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। भारत में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है। उसकी पूजा भी की जाती है। गाय के दूध को अमृत समान माना गया है।
गाय को गले लगाने के हैं कई लाभ
गायों को गले लगाने के फायदे, इससे इंसानों को क्या लाभ हो सकता है इस पर दुनिया भर में रिसर्च हुआ है। हां इतना जरूर है कि जब आप अपने शहर की किसी गली में निकलकर गाय को गले लगाने निकलें तो इससे पहले ये जरूर सुनिश्चित कर लें कि गाय आपको पहचानती है, जिससे वो आप पर हमला नहीं करेगी।
गाय को छूने से रिलीज होता है खुशमिजाजी वाला हॉर्मोन
विशेषज्ञों की माने तो जब जानवरों के साथ इंसान मिलते हैं, तो शरीर में सेरोटोनिन और एंडोर्फिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होता है। जिससे कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे तनाव पैदा करने वाले हार्मोन का सीक्रेशन कम हो जाता है। फिर खुशी और शांति का अनुभव होता है। इससे धीरे-धीरे रक्तचाप कम होता है और हृदय की गति संतुलित होती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए काउ हगिंग की थेरेपी काफी लाभदायक है। इस आर्टिकल में लिखा गया है अवसाद, ऑटिज्म, डिमेंशिया, सिज़ोफ्रेनिया जैसे बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों पर इस थेरेपी का इस्तेमाल कर मरीज के व्यक्तित्व, व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
तनाव दूर करते हैं पालतू पशु
पालतू जानवर हमेशा से तनाव दूर करते है। माना जाता है कि बिल्लियां और कुत्ते को घर में पालना तनाव दूर भगाने वाला होता है। लेकिन दूसरे जानवरों ने भी दिखाया है कि वे स्ट्रेस बस्टर के रूप में काम करते हैं और उनके साथ जुड़ाव इंसानों की मदद करता है।
नीदरलैंड में koe knuffelen
वहीं नीदरलैंड में koe knuffelen जिसका डच भाषा में अर्थ होता है गाय को गले लगाना एक सदियों पुराना अभ्यास है। इसमें मनुष्य और पशु के बीच आलिंगन में समाये उपचार के गुणों पर फोकस किया गया है। इसका ग्लोबल ट्रेंड साल 2020 में शुरू हुआ था। जो लोग बेहद तनाव से गुजर रहे थे वे फॉर्म्स गौशालाओं में जाने लगे। वहां गायों के बीच 3-3 घंटे समय गुजारने लगे। इससे तनाव दूर करने में उन्हें काफी मदद मिली।
अमेरिका में काउ हगिंग
गायों के साथ खेलने, लिपटने का ट्रेंड अमेरिका में भी पॉपुलर है। अमेरिका में कई फॉर्म्स हैं जहां काउ हगिंग की सुविधा उपलब्ध है। आप इंसानों को लगाए या फिर जानवरों को इससे शरीर में बॉन्डिंग, प्रेम, खुशी से जुड़ा हार्मोन रिलीज होता है। इससे निश्चित रूप से व्यक्ति का तनाव दूर होता है।