बिहार की राजनीतिक तस्वीर बदलने के आसार, नाराज उपेंद्र कुशवाहा बदल सकते हैं नीतीश की तकदीर

प्रदेश में खेला होगा क्या?

पटना। बिहार की राजनीतिक कढ़ी में एक बार फिर से उबाल आने लगा है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के पटना लौटते ही खबरों का बाजार गर्म हो गया है। वह दिल्ली एम्स (AIIMS) से इलाज करवाकर पटना लौट आए हैं। उनके पटना लौटते ही जब मीडियाकर्मियों ने बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकात को लेकर सवाल पूछा तो उनके जवाब से बिहार की बदलती सियासत का अंदाजा लगता है।

कुशवाहा का खीर वाला बयान काफी मशहूर

उपेंद्र कुशवाहा ने मीडियाकर्मियों को ऐसा जवाब दिया, जिससे बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गयी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं से मुलाकात को लेकर उन पर जो सवाल उठ रहे है, वो समझ से परे हैं। कभी राजद के साथ नजदीकियों के बाद उपेंद्र कुशवाहा का ‘खीर’ वाला बयान काफी मशहूर रहा था। तब उन्होंने कहा था कि कुशवाहा का चावल और यादवों का दूध मिल जाए तो ‘खीर’ बहुत स्वादिष्ट बनेगी। हालांकि, बाद में राजद का साथ छोड़ उन्होंने अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय कर लिया था। अब, जदयू के महागठबंधन के साथ आने से वे असहज हैं और डिप्टी सीएम बनाने की उनकी मांग भी पूरी नहीं हुई है। कुशवाहा उससे भी नाराज हैं।

एनडीए डोरे डाल रहा है

इस बीच कुशवाहा के लगातार इनकार किए जाने के बाद भी अब एक बार फिर उनके एनडीए में आने के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल, एनडीए की निगाह आगामी लोकसभा चुनाव पर है। उसने चिराग पासवान को अपनी ओर खींच लिया है, अगर कुशवाहा उसके साथ आ जाएं तो कमाल हो सकता है। याद रहे कि इसी समीकरण को साध कर भाजपा ने पिछला लोकसभा चुनाव लगभग क्लीन स्वीप किया था।

कुशवाहा का दूसरे नेताओं पर आरोप

कुशवाहा हालांकि अभी अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पार्टी के किसी भी नेता से आप बात कीजिए वो बताएंगे कि पार्टी किस तरह कमजोर हो रही है, लेकिन, सच को स्वीकार करने कि बजाय लोग अनदेखा कर रहे है’ । उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे थे, लेकिन पोस्टमॉर्टम बिहार में हो रहा था।

उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि उनके बीजेपी के साथ जाने की बात कही जा रही है, लेकिन हकीकत तो यह है कि जेडीयू के जीतने बड़े नेता हैं वो सभी बीजेपी के संपर्क में हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़ने की संभवना से साफ इनकार करते हुए कहा कि लोग भाजपा नेताओं से हुई मुलाकात का गलत मतलब निकाल रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि वह जदयू में रहकर ही पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।

नीतीश हालांकि मजाक में टाल रहे हैं

नीतीश कुमार फिलहाल बिहार की यात्रा पर हैं और वह उपेद्र कुशवाहा की चुनौती को हंसी में टाल रहे हैं। गया में अपनी ‘समाधान यात्रा’ के दौरान नीतीश कुमार ने कहा, “हर किसी को अपना रास्ता तय करने का अधिकार है. कुशवाहा एक नहीं कई बार अलग हो चुके हैं और फिर वापस आए हैं।” उन्होंने कहा, “उनकी फिलहाल तबीयत ठीक नहीं है. उन्हें वापस आने दें. मैं उनसे बात करूंगा।” इसके साथ ही नीतीश ने हंसते हुए चुटकी भी ली- कुशवाहा को कहिए कि मुझसे बात तो कर लें।

वहीं, उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के बयान पर कहा कि मैंने मीडिया में देखा कि नीतीश जी ने क्या बोला। कुशवाहा ने कहा कि नीतीश ने कहा कि मैंने दो-तीन बार पार्टी बदली है, लेकिन जदयू ने भी तो अपनी रणनीति के अनुसार 2-3 बार गठबंधन को बदला है। वहीं बात रही नीतीश जी से बात करने की तो मुझे अगर बात करनी होगी तो एक मिनट लगेगा, मुझे मीडिया से मदद लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

वैसे, मीडिया में जारी नूरा-कुश्ती के बीच इतना तो तय है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। गृहमंत्री अमित शाह का भी बिहार दौरा बढ़ गया है और पिछले तीन महीनों में वह 4 बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। बिहार के जानकार तो यही बता रहे हैं कि नीतीश की इस सरकार के दिन गिने-चुने हैं और यह कभी भी जा सकती है।

देखें वीडियो-

खीर बनाने वाले उपेन्द्र कुशवाह अब कौन सी खिचड़ी पका रहे हैं।

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