नीतीश बना सकते हैं RJD कांग्रेस के साथ सरकार
बिहार में जेडीयू बीजेपी गठबंधन में दरार पड़ती दिखाई दे रही है। जिससे माना जा रहा है यह गठबंधन टूट सकता है। बता दे जेडीयू नेता आने वाले एक दो दिन में बीजेपी से अलग होने का ऐलान कर सकते हैं पार्टी सूत्र बताते हैं सीएम नीतीश कुमार आरजेडीए लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस को साथ लेकर राज्य में वैकल्पिक सरकार बनाने की कवायद में जुट गए हैं। दरअसल जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस्तीफा देने के राजनीति गरमा गई । ताजा घटनाक्रम के बीच जदयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ल कहा कि जेडीयू ने बीजेपी के सार्थ इमानदारी से गठबंधन धर्म का पालन किया। अब जिम्मेदारी बीजेपी की भी है कि वह जेडीयू के साथ गठबंधन को संक्रमित न होने दें। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ओर से जो संकेत मिल रहे हैं वो ठीक नहीं हैं। बीजेपी भ्रष्टाचार के खिलाफ बात तो बहुत करती है लेकिन करती कुछ नही। आरसीपी सिंह प्रकरण पर बीजेपी का मौन सवालों के घेरे में है।
राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं
जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव का कहना है भविष्य की चिंता बीजेपी को होना चाहिए। आने वाले दिनों में क्या होगा अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन जो हालात दिखाई दे रहे वे ठीक नहीं। गठबंधन को बचाने की जिम्मेदारी बीजेपी की भी है। बता दें पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को जेडीयू ने इस बार राज्यसभा नहीं भेजा । इसे लेकर तकरार बढ़ र्गइ क्योंकि आरपी सिंह को मोदी मंत्रिमंडल से से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों पर पार्टी की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद शनिवार को आखिरकार आरसीपी सिंह ने जेडीयू से छोड़ दी। इस्तीफे देते ही आरसीपी सिंह को जदयू डूबता जहाज नजर आने लगी।
वहीं बिहार में ताजा सियासी हालात को देखते हुए आरजेडी विधायकों की पटना में बैठक होनी है। जेडीयू बीजेपी गठबंधन को लेकर जारी कयासों के बीच इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आरजेडी के तमाम सांसद भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए पटना पहुंच रहे है।
कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में नीतीश
बीजेपी से रिश्तों में खटास आने पर बिहार के सीएम नीतिश कुमार की कांग्रेस नेताओं से चर्चा हा रही है। बताया जाता है कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेतृत्व से संपर्क किया है। हालांकि सोनिया गांधी और नीतीश के बीच क्या चर्चा हुई इसका खुलाा नहीं हुो सका है। जब से आरसीपी सिंह ने इस्तीफा दिया है तब से नीतीश विपक्षी दल में एक्टिव हो गए। उधर बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास का कहना है कि वे स्वतंत्रता दिवस से संबंधित कांग्रेस के आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए पटना जा रहे हैं। तो वहीं सूत्र बताते हैं कि वे राज्य में तेजी से बदलते हालात पर भी नजर रखेंगे।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच बढ़ते तकरार और दूरियां राज्य में अस्थिर राजनीति की ओर संकेत कर रहे हैं। दोनों के बीच पिछले कुछ दिनों में मनमुटाव बना हुआ है। इसके बाद से लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं क्या बिहार में एनडीए सरकार धराशाही हो जाएगी। क्या नीतीश आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे।
बीजेपी से कन्नी काटते रहे नीतीश
बता दें बिहार में ताजा राजनीतिक हालात कोई आज का मामला नहीं है। पिछले एक महीने से नीतीश कुमार बीजेपी से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। जिससे लगत रहा था कि नीतीश और बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है। महीने भर में ऐसा 4 बार हुआ है। जिसमें नीतीश कुमार ने बीजेपी से दूरी बनाई। बता दें कि नीतीश की दो हफ्ते पहले कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। 3 अगस्त को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। सबसे पहले 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में नीतीश कुमार नदारद रहे। 22 जुलाई को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में भी नीतीश कुमार नजर नहीं आए हालांकि उन्हें आमंत्रित किया गया था। इसके बाद 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह से भी नीतीया ने दूरी बनाए रखी। यहां भी उन्हें आमंत्रित किया गया था। वहीं 7 अगस्त यानी रविवार को भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक से दूर रहे। इस बैठक के लिए भी उन्हें आयोग की ओर से न्यौता दिया गया।