डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही भारत में छिड़ी नई बहस
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति चुने गए हैं। ट्रंप ने अपनी करीबी प्रतिदंदी कमला हैरिस को हराया। डेमोक्रेटिक पार्टी की हैरिस की हार के बाद अब भारत में नई सरकार को लेकर बहस छिड़ गई है। बहस इस बात को लेकर है कि अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद अब व्हाइट हाउस का भारत के प्रति कैसा रवैया रहेगा । अगर सरल शब्दों में कहें तो क्या डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भारत और अमेरिका के संबंध कैसे रहेगें। हांलाकि ट्रंप इससे पहले भी राष्ट्रपति रह चुके है। अमेरिका के राष्ट्रपति रहते ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए हाउडी मोदी कार्यक्रम किया था और उसके बाद ट्रंप भारत आए उनके स्वागत में गुजरात में में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम रखा गया था। अब ट्रंप फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बने है इसे लेकर भारत को भी कई तरह की उम्मीद है।
मसलन – ट्रंप की वापसी से भारत को उम्मीद है कि उसकी अर्थव्यवस्था में नया आयाम आएगा। भारत की अर्थव्यवस्था में वापस एक बूम आ सकता है। ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पहले से ही दोनो नेताओं के बीच की केमेस्ट्री बहुत बेहतर है। अमेरिका के पिछले चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी ने अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा दिया था।
ऐसे में दोनो नेताओं के बीच जो केमेस्ट्री से उसके चलते व्यापार के मामले में अगर ट्रंप चीन की बजाए भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंध बढाए तो भारत की आई टी कंपनियों के साथ साथ व्यापार के और रास्ते खुल सकते हैं।
अगर भारत के मामलों में देखे तो जो बाइडन के समय भारत के राजनैतिक मसलों पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आती थी। केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय ये देखने को मिला इसलिए ये भी उम्मीद की जा रही है कि अब भारत के आंतरिक मामलों में अमेरिका की दखलअंदाजी कम होगी। अगर अंतराष्ट्रीय मामलों में देखें तो भारत रूस और यूक्रेन के युद्द के खिलाफ है ऐसे में अगर ट्रंप ने जैसा कि पहले दावा किया था कि वो इस युद्द को रूकवा सकते हैं । अगर ऐसा होता है तो इंटरनेशल प्लेटफार्म पर मोदी औऱ ट्रंप एक साथ नजर आऐंगे। मतलब कि यूरोपिय देशों के सबसे ताकतवर देश का साथ भारत को दिखाए देगा।