जनता वोट देगी या नहीं देगी? ये सवाल न एनडीए के मन में हैं और न यूपीए के। दोनों ही एलाएंस सिर्फ अपना अपना कुनबा बढ़ाने में लगे हैं। उन्हे लगता है कि बड़ा कुनबा मतलब बड़ी जीत। जबकि ये जरूरी नहीं है कि बड़े एलाएंस को ज्यादा वोट मिलेंगे और उन्हे जीत हासिल हो जाएगी। इस मामले में जानकार मानते हैं कि कुनबा बढ़ाने की होड़ सिर्फ प्रेशर पॉलिटिक्स का एक हिस्सा है। नेता भी जानते हैं कि गठबंधन का मतलब ही यूस एंड थ्रो होता है। जरूरी नहीं है कि जिस नेता को पद दिया गया है वो बना ही रहे। नए लोग आते हैं पुराने जाते हैं,स्थायित्व किसी का नहीं होता है। बस यही राजनीति है जो चलती रहती है।
एनडीए बैठक में 38 दल का दावा
नई दिल्ली में मंगलवार को होने वाली एनडीए की बैठक से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक में 38 दल शामिल होंगे। एनडीए का हमारा गठबंधन सत्ता के लिए नहीं है, ये गठबंधन सेवा के लिए है, भारत को मजबूत करने के लिए है। उन्होंने यूपीए में शामिल दलों पर तंज कसते हुए इसे भानुमति का कुनबा बताया। नड्डा ने कहा कि यूपीए के पास न तो नेता है और न ही नीयत है, न ही नीति है और न ही फैसला लेने की ताकत है। ये भ्रष्टाचार और घोटालों का टोला है। उन्होंने कहा कि देश ने तय कर लिया है कि 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एकबार फिर एनडीए की सरकार बनाएंगे। हमारी एकता अटूट है, अटल है। मोदी सरकार ने 9 साल में गांव, गरीब, शोषित, पीड़ित, वंचित, दलित, महिला, किसान सब पर फोकस करते हुए योजनाएं लागू की।
गठबंधन और भी ज्यादा मजबूत हुआ
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की होने वाली बैठक से पहले जेपी नड्डा ने कहा कि पिछले 9 साल में एनडीए का गठबंधन और भी ज्यादा मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि 9 साल में हमारा ग्राफ बढ़ा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मंगलवार को होने वाली हमारी बैठक में 38 दल हिस्सा लेंगे।
विपक्ष बिना दूल्हे की बारात
वहीं विपक्षी एकता पर हमला बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष बिना दूल्हे की बारात है। उनके पास कोई नेता नहीं है। वह केवल भानुमती का कुनबा जोड़ रहे हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष के पास ना तो नेता है और ना ही देश और जनता के लिए काम करने की नियत है। उन्होंने कहा कि यूपीए में आज जो भी दल मिल रहे हैं वह केवल और केवल फोटो खिंचा रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में हमने पीएम मोदी का मजबूत नेतृत्व देखा है जिसकी कई लोगों ने सराहना की है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस भी बढ़ा है। पीएम ने कोविड-19 प्रबंधन में भी एक मिसाल कायम की है।
विपक्ष ने 17 से 26 दल जुटाए
बीते माह पटना में हुई विपक्षी दल की बैठक में 17 दल शामिल हुए थे। इस बार बेंगलुरु में हो रही बैठक में 26 राजनैतिक दल शामिल हुए हैं। जो नए दल साथ आ रहे हैं उसमें मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, कोंगु देसा मक्कल काची, विदुथलाई चिरुथिगल काची,रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी,ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक,इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) शामिल हैं।