राज्यसभा की 12 सीटों उप चुनावों में सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिये गये हैं। जिनमें 9 भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की तो दो सदस्य एनडीए के सहयोगी एनसीपी के अजित पवार गुट से एक और राष्ट्रीय लोक मंच के उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। इनके अलावा कांग्रेस की ओर से भी एक सांसद का निर्विरोध चुनाव हुआ है।
दरअसल कई राज्यसभा सांसदों ने इस बार लोकसभा चुनाव लड़े थे जिनमें जीत कर लोकसभा पहुंचे। उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा की ये सीटें खाली हुईं थीं। राज्यों में उच्च सदन की अधिकांश सीटें खाली हुई थीं।
- NDA को पहली बार मिला राज्यसभा में बहुमत
- अब भी 245 सदस्यों की राज्यसभा में आठ सीटें खाली
- 4 सीट जम्मू-कश्मीर, 4 मनोनीत सदस्यों से भरी जानी है
- सदन में सदस्य संख्या 237, बहुमत का आंकड़ा 119
- NDA के राज्यसभा में अब कुल 112 सदस्य हो गए हैं
- छह मनोनीत सदस्यों का भी एनडीए को समर्थन
- एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन एनडीए को मिला
केंद्र में सत्ताधारी एनडीए ने संसद के उच्च सदन राज्य सभा में अब बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। अब एनडीए के पास अब इस सदन में 112 सांसद हो गए हैं। मौजूदा 12 सीटों पर हुए राज्यसभा के उप चुनावों में सभी 12 सीटों पर प्रत्याशियों का निर्विरोध चुनाव हुआ हैं। इनमें से बीजेपी के 9 सांसद हैं। दो सांसद उसके सहयोगी दल से चुनकर आए हैं। राज्यसभा में अब बीजेपी सांसदों की भी संख्या बढ़कर 96 हो गई है।
राज्यसभा के लिए कौन-कौन चुने गये
- बीजेपी असम मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली
- बिहार से मनन कुमार मिश्रा
- हरियाणा से किरण चौधरी
- मध्य प्रदेश से केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन
- महाराष्ट्र से धैर्यशील पाटिल
- ओडिशा से ममता मोहंता
- राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू
- त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्य का नाम शामिल
- एनसीपी अजित पवार गुट के नितिन पाटिल
- राष्ट्रीय लोक मोर्चा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बिहार से निर्विरोध चुने
- तेलंगाना से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध निर्वाचित
राज्यसभा की 12 सीटों पर उप चुनावों में निर्विरोध चुने जाने वाले तीन सदस्यों में एनडीए के सहयोगी एनसीपी अजित पवार गुट के 1 सदस्य और राष्ट्रीय लोक मंच से उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस के भी एक सांसद का निर्विरोध चुनाव हुआ है। राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडी गठबंधन को 6 मनोनीत और 1 स्वतंत्र सदस्य का भी समर्थन हासिल है। इस तरह एनडीए को राज्यसभा में कुल 119 सांसदों का समर्थन अब हासिल है। जबकि राज्यसभा में विपक्षी दल के सांसदों की संख्या 85 हो गई है।
बता दें राज्यसभा में कुल 245 सीट हैं।जिनमें से अब भी आठ सीट खाली हैं। इन खाली सीटों में से 4 सीट जम्मू-कश्मीर से हैं। नामांकन कोटे चार सीट भी खाली हैं। इस लिहाज से मौजूदा समय में राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 237 है। जबकि सदन में बहुमत का आंकड़ा 119 है।
बीजेपी की ओर से 9 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। जिनमें बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, असम से रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन तो महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू, ओडिशा से ममता मोहंता और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्जी शामिल हैं। इनके अतिरिक्त बीजेपी के सहयोगी दलों से महाराष्ट्र से अजित पवार गुट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से नितिन पाटिल, बिहार से राष्ट्रीय लोक मोर्चा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी अब राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिये गये हैं। कांग्रेस के कोटे से अभिषेक मनु सिंघवी को भी तेलंगाना से निर्विरोध चुन लिया गया है।
NDA को यह बिल पारित करवाना हुआ आसान
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को अब लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में भी स्पष्ट बहुमत मिल गया है। बहुमत हासिल होने से एनडीए के नेता गदगद हैं। राज्यसभा में बहुमत मिलने से एनडीए सरकार अब वक्फ संशोधन विधेयक जैसे कई प्रमुख कानूनों पर मुहर लगवाने में सफल हो सकती है। पिछले दिनों बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में तेल क्षेत्र विनियमन और विकास संशोधन विधेयक 2024 के साथ बॉयलर्स विधेयक 2024 पेश किया था। इन दोनों ही विधेयकों पर अभी राज्यसभा की मुहर लगना बाकी है। बजट सत्र के दौरान ही राज्यसभा ने जम्मू और कश्मीर विनियोग संख्या 3 विधेयक 2024 और विनियोग संख्या 2 विधेयक 2024 के साथ वित्त विधेयक 2024 विधेयक पर मुहर लगाई थी। वहीं वक्फ संपत्तियां अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली विधेयक 2024 को राज्यसभा से वापस लेना पड़ गया था। अब राज्यसभा में बहुमत मिलने के बाद एनडीए सरकार को इन विधेयकों को पारित करवाने में किसी अड़चन का सामना नहीं करना पड़ेगा।