G20 summit 2022 मोदी-शी जिनपिंग मुलाकात,गर्मजोशी से मिलाया जिनपिंग ने हाथ

Narendra modi and china president meeting

इंडोनेशिया के बाली में मंगलवार से प्रारंभ हुई G20 समिट के फर्स्ट सेशन में फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चा हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन रुस जंग रोकने पर जोर दिया। तो वहीं शाम को इंडोनेशिया के प्रेसिडेंड जोको विडोडो ने समिट में आए सभी लीडर्स के लिए डिनर होस्ट किया। इस दौरान मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे से गर्मजोशी से मुलाकात की। दोनों ने हाथ मिलाए और कुछ देर तक दोनों के बीच बातचीत भी हुई।

गलवान विवाद के बाद पहली बार मिलाया हाथ

पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों नेताओं के बीच जून 2020 में हुए गलवान संघर्ष के बाद ये पहली बार हुआ कि दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया हो। इस लिहाज से एक संक्षिप्त मीटिंग का काफी कूटनीतिक मतलब निकाला जा रहा है।

बता दें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने वेलकम डिनर दिया था। जिसका लाइव फीड मीडिया के लिए जारी किया जा रहा था। इस फीड में पीएम मोदी बाटिक शर्ट और भूरे रंग के पैंट पहने दिखाई दे रहे रहे हैं। लाइव फीड में मोदी जिनपिंग के संवाद करते दिख रहे हैं। हालांकि कुछ देर बाद कैमरे का फोकस दूसरी जगह पर शिफ्ट हो गया।

समरकंद में नहीं हो सकी थी बात

इससे पहले सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी लद्दाख में गतिरोध के शुरुआत के बाद पहली बार समरकंद के उज़्बेक शहर में शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के वार्षिक शिखर सम्मेलन में आमने सामने आए थे। लेकिन तब भी दोनों के बीच मुलाकात नहीं हुई थी।

गलवान झड़प में शहीद हुए थे 20 भारतीय जवान

जून 2020 में गलवान में चीनी सेना के विश्वासघात के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई थी। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। लड़ाई में चीन के कई जवान मारे गए लेकिन चीन ने अपने जवानों की मौत के समाचार बाहर नहीं आने दिए ओर न ही अपने जवानों की मौत को स्वीकारा।

दोनों के बीच नहीं हुई औपचारिक मुलाकात

गलवान संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच अबतक औपचारिक मुलाकात नहीं हो सकी है। हालांकि लद्दाख में तनाव कर करने के लिए दोनों देश के सैन्य कमांडर अब तक करीब 11 बार मिल चुके हैं। इसके बाद चीन लद्दाख में कई स्थानों पर अपनी सेना को विवाद से पूर्व वाली जगह पर ले जाने को राजी हुआ है। इस भेंट के बाद अब इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या भारत और चीन बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे।

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