आज मनाई जा रही छोटी दीपावली … आज यम के नाम का दीपक अवश्य प्रज्जवलित करें…जानें क्या है यम के दीपक का महत्व

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali Roop Chaudas Roop Chaturdashi

आज मनाई जा रही छोटी दीपावली …

आज यम के नाम का दीपक अवश्य प्रज्जवलित करें…

आज 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली है। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है। नरक चौदस के साथ ही इस रूप चौदस और रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है। दीपावली के एक दिन पहले मनाए जाने के चलते इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। आज मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जा रही है। आज के दिन घर के सभी कोनों में दीपक प्रज्जवलित कर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना मृत्यु के देवता यमराज से की जाती है।

नरक चतुर्दशी के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी ही नहीं श्री कृष्ण,माता काली, यमराज के साथ प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमानजी की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं है कि नरक चतुर्दशी के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर की कैद से लगभग 16000 महिलाओं को मुक्त कराया था। इसलिए हर साल कार्तिक माह में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी के रुप में मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें करना बेहद शुभ माना गया है।

छोटी दिवाली 1 बजकर 4 मिनिट से शुरू होगी , यह अगले दिन गुरुवार को 31 अक्टूबर को 3.11 बजे पर खत्म होगी। छोटी दिवाली पर पूजन का शुभ मुहूर्त मेष लग्न में आज की शाम 4 बजकर 36 मिनिट से 6 बजकर 15 मिनिट तक रहेगा। कहते हैं छोटी दिवाली के दिन यम के नाम का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इसके साथ ही आज के दिन भगवान कृष्ण और मां कालिका की आराधना भी करनी चाहिए। इससे परिवार से सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर होती हैं। धार्मिक मान्यताओं है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से साधक के बल में वृद्धि और जीवन में खुशियों का वास होता है।

छोटी दिवाली पर जलाएं 14 दीपक

छोटी दिवाली पर 14 दीपक जलाने की सदियों से पंरपरा चली आ रही है। छोटी दिवाली पर पहला दीपक रात में घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके कूड़े के ढेर के पास रखें-। दूसरा दीपक सुनसान देवालय में रखें। ध्यान रहें इस दीपक को घी से जलाएं। तीसरा दीपक मां लक्ष्मी और चौधा दीपक तुलसी के गमले के सामने जलाएं। पांचवां दीपक घर के दरवाजे के बाहर रखना चाहिए। छठा दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे रखना चाहिए। सातवें दीपक को मंदिर में जलाए। आठवां दीपक घर में कूड़ा रखने के स्थान पर जलाया जाता है। तो वहीं नौवां दीपक घर के बाथरूम में भी जलाएं। दसवां दीपक घर की छत की मुंडेर पर रखें। 11वां दीपक छत पर और बारहवां दीपक खिड़की के पास जलाकर रखें। 13वें दीपक को घर के बरामदे में जलाकर रखें वहीं 14वां दीपक रसोईघर में जरूर जलाएं।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

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