भगवान शिव का निवास स्थान है रहस्यमी, जानें कैलाश पर्वत के कई अनसुलझे रहस्य

 

भगवान शिव का निवास और ब्रह्मपुत्र, सिंधु, सतलुज जैसी कई नदियों का स्त्रोत कैलाश पर्वत दुनिया की सबसी सुंदर जगहों में गिना जाता है. इसे दुनिया का केंद्र और स्वर्ग की सीढ़ी कहा जाता है. हिंदु धर्म में तो पर्वत का खास महत्व है. पुराणों में इसे भगवान शंकर का निवास स्थान बताया गया है. कहते है कि यदि कोई इंसान इस पर्वत के चारों और चक्कर लगा लेता है तो उसके सारे पाप मिट जाते है. पर्वत हिंदू धर्म के अलावा जैन, तिब्बती बौद्ध और बॉन धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. हालांकि घनों बादलों से घिरे इस पर्वत के साथ ऐसे रहस्य भी जुड़े है,जिनके बारे में आजतक वैज्ञानिक भी नहीं पता लगा पाएं है. चलिए आज आपको कैलाश पर्वत की रहस्यों की दुनिया में लें चलते हैं.

1. धरती का एक्सिस पॉईंट
विभिन्न वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार कैलाश पर्वत आकाश और धरती के साथ इस तरह केंद्र में है, जहां पर चारों दिशाएं मिल रही है. कई वैज्ञानिकों का मानना है कि कैलाश पर्वत दुनिया का एक्सिस प्वाइंट है , जहां से सुपरनेचुरल पॉवर्स से कनेक्ट किया जा सकता है. वेदों और पौराणिक ग्रंथ रामायण में भी उल्लेख है कि कैलाश पर्वत धरती का एक्सिस पॉइंट है. इसे धरती का सबसे शक्तिशाली स्थान माना जाता है,.

2. अजेय है कैलाश पर्वत
कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6600 मीटर से अधिक है, ये माउंट एवरेस्ट से 2200 मीटर छोटा है , लेकिन आज तक इस पर कोई चढ़ाई नहीं कर पाया है.कई साहसी पर्वतारोहियों ने कैलाश पर्वत के ऊपर चढ़ाई करने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें खराब मौसम, ऊंचाई की बीमारी, गलत दिशा में जाना, मिराज जैसी कई परेशानियां आई है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, पवित्र पर्वत की दिव्यता के साथ छेड़छाड़ करना वर्जित है.

3. पर्वत पर मौजूद है दो झीले
कैलाश पर्वत पर दो प्राचीन झीले मौजूद है. यह दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित झीले है. खास बात यह है कि एक झील शुध्द पानी की है, वहीं दूसरी झील पूरी खारे पानी की है. इन दोनों झीलों का आकार सूर्य और चंद्रमा के सामान है. हालांकि ये दोनों बनी कैसे , इसका आजतक वैज्ञानिक पता नहीं कर पाएं है. आपको बता दें कि एक झील को मानसरोवर झील कहा जाता है, वहीं दूसरी झील को राक्षस ताल कहा जाता है.

4.ऊं की आकृति
देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत में निवास करते हैं. यहां पर ओम की आकृति बन गई है, जिसे उनकी उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है. अब आपकी आस्था पर निर्भर करते है कि आप इसे कैसे देंखते है. भक्तों के लिए तो उनके प्रभू है, वहीं नास्तिकों के लिए बर्फ से बना सिर्फ संयोग है.

5.डमरू की ध्वनि
भक्त बताते है कि उन्हें कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के पास डमरू की ध्वनि का आवाज आती है. कईयों का यह भी कहना है कि उन्हें डमरू लिए कोई इंसान नृत्य करते हुए दिखाई देते है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि शायद यह आवाज बर्फ के पिघलने की हो सकती है. बरहाल इस पर अभी शोध चल रहा है.

6. चार धर्मों का केंद्र
कैलाश पर्वत हिंदु धर्म के लोगों के साथ बौद्धों, जैनियों और बॉन धर्मों के लिए भी धार्मिक स्थान है, कहते है कि यहां पर सभी धर्मों के साधु संत अपने देवी- देवताओं के साथ टेलीपैथी के जरिए संपर्क करते है, जिस कारण इसे दुनिया का आध्यात्निक केंद्र भी माना जाता है.

7. बढ़ती है उम्र
साईबेरिया के कुछ हाईकर्स ने कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश करी थी. हालांकि वे पर्वत के शिखर तक पहुंच तो नहीं सके, लेकिन उनकी उम्र समय से तेज बढ़ने लगी. कुछ समय बाद ज्यादा उम्र होने के कारण उन लोगों की मौत भी हो गई.

भगवान शिव का निवास स्थान है रहस्यमी, जानें  कैलाश पर्वत के कई अनसुलझे रहस्य

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