जानें देवभूमि उत्तराखंड में पिछले दस साल में कितनी बढ़ी मुस्लिम आबादी ?…! देवभूमि के गांवों में रोहिंग्या मुसलमानों की एंट्री पर बैन क्यों…?

Muslim population is increasing in Uttarakhand entry of Muslims is prohibited in Rudraprayag villages

क्यों लगाए जा रहे हैं रुद्रप्रयाग में बैनर ‘रोहिंग्या मुसलमान और गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है’

देवभूमि उत्तराखंड स्थित रुद्रप्रयाग जिले के कुछ गांवों कई जगह ऐसे बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर साफ शब्दों में लिखा है कि गांव में रोहिंग्या मुसलमानों और गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। इनके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। उत्तराखंड में साल 2011 में हुई जनगणना के बाद से अब तक कितने प्रतिशत गैर हिंदूओं की आबादी बढ़ी है और लोगों की आखिर चिंता किसे लेकर है? इस पर विस्तार से जानकारी हम दे रहे हैं।

इन दिनों देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में कई गांव ऐसे हैं जहां गैर हिंदुओं, रोहिंग्या मुसलमानों और फेरी लगाकर सामान बेचने वालों के प्रवेश पर रोक लगा रखी है। इन गांवों में अगर ऐसा कोई भी कहीं मिलता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चेतावनी भरे यह बोर्ड रुद्रप्रयाग जिले के कई गांवों के बाहर लगा रखे हैं। जाो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।सोशल मीडिया पर मामला सामने आया तो इस आदेश को लेकर विवाद बढ़ गया।।

प्रशासन ने हटाए गांव से पोस्टर और बोर्ड

हालांकि जिला प्रशासन की ओर से कई गांवों से ऐसे बोर्ड हटाए जा चुके हैं। लेकिन यह मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें यह मामला ऐसे समय में और तेजी से गरमा गया है जब हाल ही में रुद्रप्रयाग के समीप वाले जिले चमोली में एक नाबालिग से छेड़छाड़ के बाद इस मामले को लेकर सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। इस बीच आरएसएस ने भी पिछले दिनों जुलाई 2024 में यह दावा किया था कि देश के सीमावर्ती प्रदेशों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है।

उत्तराखंड में साल 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश की कुल आबादी 10,116,752 है। वहीं इस दौरान देश की आबादी की वृद्धि दर में करीब 3.84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। भारत की आबादी की वृद्धिदर 2001 के 21.54 प्रतिशत के मुकाबले दस साल बाद 2011 में करीब 17.70 फीसदी रही गई। वहीं पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में जनसंख्या वृद्धिदर 2001 के 20.41 प्रतिशत के मुकाबले अब करीब 18.81 प्रतिशत रह गई है।

क्या बदल रही है उत्तराखंड में डेमोग्राफी?

उत्तराखंड साल 2000 में अस्तित्व में आया था। उस समय नए बने इस राज्य में 2001 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी करीब 1 लाख ही थी। जेकिल दस साल बाद जब 2011 में जनगणना हुई तो मुस्लिम आबादी बढ़कर 14 लाख से ज्यादा हो गई।। इस दौरान हिंदुओं की आबादी की वृद्धि दर 16 प्रतिशत थी तो पूरे दशक के दौरान मुस्लिम आबादी की वृद्धिदर 39 प्रतिशत हो चुकी है। जनसंख्या से जुड़े यह आंकड़े उस समय के हैं, जब पिछले एक दशक से देश की जनगणना के आंकड़े घोषित नहीं किए गये हैं।

इस तरह हुई 10 साल में हिंदू और मुस्लिमों में घट बढ़

साल 2001 में हुई जनगणना के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में हिंदूओं की जनसंख्या 84.95 प्रतिशत थी जबकि मुस्लिमों की जनसंख्या 11.92 प्रतिशत थी।। इसके बाद 2011 की जनगणना तक हिंदू आबादी घटी और आंकड़ा 82.97 प्रतिशत रह गया था। जबकि मुस्लिम आबादी में वृद्धि हुई और बढ़कर 13.95 प्रतिशत हो गई थी। जो दस साल में करीब 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाता है।

जिले                      हिंदू                 मुस्लिम       हिंदू (प्रतिशत में)       मुस्लिम (प्रतिशत में)

देहरादून               1,424,916        202,057    84%                        12%
हरिद्वार                1,214,935        648,119    64%                         34%
नैनीताल               8,09,717         120,742    85%                         13%
ऊधमसिंहनगर     1,104,452        372,267   67%                          23%

हरिद्वार में सबसे अधिक हिंदुओं के बाद मुस्लिम ही हैं

इन आंकड़ों को देखें तो आश्चर्य होता है क्योंकि हरिद्वार में मुस्लिमों की आबादी भी काफी अधिक है। जबकि हरिद्वार एक तीर्थनगरी के रुप में प्रसिद्ध है। इसके बाद भी हरिद्वार में हिंदुओं के बाद मुस्लिमों की संख्या दूसरे नंबर है, यानी हिन्दुओं के बाद सबसे ज्यादा मुस्लिम हैं। 2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि नैनीताल,देहरादून, हरिद्वार ही नहीं ऊधमसिंह नगर चारों जिलों में औसत हिंदुओं की आबादी करीब 75 प्रतिशत है। वहीं आंकड़े बताते हैं कि औसत मुस्लिम आबादी करीब 20.5 प्रतिशत है।

उत्तराखंड में धर्म के आधार पर आबादी

क्यों बढ़ रहा पहाड़ों पर समुदाय विशेष के खिलाफ आक्रोश?

देवभूमि उत्तराखंड स्थित चमोली जिले के बीते दिनों नंदानगर घाट में एक विशेष समुदाय के युवक ने नाबालिग लड़की से छेड़खानी की थी। इसके बाद यहां जमकर हंगामा हो गया था। गुस्साए स्थानीय लोगों ने समुदाय विशेष के युवक की दुकान में तोड़फोड़ कर दी। हालांकि पुलिस ने करीब 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। नाराज लोगों का कहना था कि पहाड़ों पर लगातार ऐसी वारदात बढ़ती जा रहीं हैं। अब उन्हें अपने बच्चों की चिंता सताने लगी है। स्थानीय लोग कहते है कि पहाड़ों पर बेटियां सुरक्षित नहीं है।

हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार के लिए महिलाओं की अस्मिता और उनका सम्मान हमेशा सर्वोपरि है। किसी भी महिला और बेटी के साथ होने वाली इस तरह की अप्रिय वारदात की वे निंदा करते हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कानून प्राथमिकता के साथ दोषियों को सजा देगा। यहां देवभूमि में इस तरह की घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।

संघ ने माना बढ़ रही देवभूमि में मुस्लिम आबादी

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने दावा किया था कि सीमावर्ती इलाकों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। जुलाई 2024 में RSS के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर वीकली में व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की वकालत की गई थी साथ ही यह दावा भी किया गया था कि देश के समीवर्ती इलाकों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। मुखपत्र के संपादकीय कॉलम में लिखा गया था कि बिहार और असम के साथ पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमा पर अवैध विस्थापन के चलते वजह से अवैध तरीके से आबादी बढ़ रही है।

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