केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन नई इनिंग शुरू कर रहे हैं। ये इनिंग है क्रिकेट की पिच पर। महाआर्यमन मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बन चुके है। अब जूनियर सिंधिया क्रिकेट की पिच से अपनी नई पारी की शुरूआत करेंगे।
क्यों बने एम पी सी के अध्यक्ष
जूनियर सिंधिया के लिए राजनैतिक पिच पर खेलना अभी आसान नहीं था। राजनैतिक पिच पर परिवार वाद के चलते सिंधिया के लिए विधानसभा का टिकट आसान नहीं था।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में बीजेपी ज्वाइन करी है। इसके बाद वो बीजेपी के टिकट से राज्यसभा पहुंचें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी में परिवारवाद के खिलाफ हैं, यही वजह है कि जूनियर सिंधिया के लिए विधानसभा कि टिकट आसान नहीं है। इसी के चलते ज्योतिरादित्य ने बेटे के लिए क्रिकेट की पिच को चुना। ज्योतिरादित्य का मानना है कि क्रिकेट पिच पर लंबी पारी खेलने के बाद जूनियर सिंधिया के लिए राजनैतिक पिच तैयार हो सकता है।
राजनैतिक पिच पर नहीं खेल सकेंगे सिंधिया
महाराज सिंधिया को जूनियर सिंधिया को राजनीति में लॉच करना अभी आसान नहीं यही बात ज्योतिरादित्य सिंधिया बखूबी जानते थे। वैसे भी जूनियर सिंधिया कभी न कभी जनता के बीच अपनी मौजूदगी सुर्खियां बटोरती रही है, फिर चाहे चुनावी मौसम में जलेबी बनाने की बात हो या फिर ग्वालियर चंबल इलाके के किसी शादी समारोह में जाने का अंदाज। सिंधिया का मानना है कि मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएन का अध्य़क्ष बनकर जूनियर सिंधिया का कद भी बढ़ेगा और अनुभव का दायरा भी ।
लंदन से ग्रेजुएट हैं महाआर्यमन
महाआर्यमन सिंधिया का ज्नम 1995 में हुआ है। महाआर्यमन की स्कूल की पढाई दून स्कूल से हुई और उनका ग्रजुएशन लंदन से हुआ है। उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। महाआर्यमन ग्वालियर क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
पिता और दादा भी रहे एम पी सी ए में अध्यक्ष
महाआर्यमन के दादा माधवराव सिंधिया और उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके है। कहा जा सकता है कि सिंधिया परिवार में माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों के सियासी सफर यही से शुरू हुआ।