भोपाल। मध्यप्रदेश परिवहन विभाग कई नवाचार कर रहा है। इसी क्रम में अब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से दूर दराज रहने वाले आवेदकों को ड्रायविंग लायसेंस के लिए बार बार चक्कर नहीं लगाना पडे़ंगे। परिवहन विभाग अब स्पीड पोस्ट के जरिए ड्रायविंग लायसेंस उन तक पहुंचायेगा। यानी घर बैठे ड्रायविंग लायसेंस मिल सकेंगे।
- मप्र में परिवहन विभाग का नवाचार
- घर बैठे डाक से मिलेंगे ड्रायविंग लायसेंस
- आवेदक को उठाना होगा स्पीड पोस्ट का खर्चा
- आरटीओ जाने की समस्या से मिलेगी निजात
मध्यप्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पिछले दिनों विभाग की समीक्षा के दौरान ये इस संबंध में निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले आवेदकों को ड्रायविंग लायसेंस लेने के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाना नहीं पड़ेंगे। अब उन्हें काउन्टर से लायसेंस प्राप्त करने के साथ परिवहन विभाग स्पीड पोस्ट से ड्रायविंग लायसेंस उनके घर भिजवाएगा। आवेदक को अपना आवेदन करते समय उसमें दोनों ऑप्शन में से एक चुनना होगा। स्पीड पोस्ट का व्यय आवेदक को स्वयं वहन करना होगा।
खुद उठाना होगा स्पीड पोस्ट का खर्च
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि आवेदक को लाइसेंस के लिए अपना आवेदन करते समय सामने दिए दो विकल्प में से एक चुनना होगा। स्पीड पोस्ट का खर्चा आवेदक को उठाना होगा। परिवहन विभाग द्वारा शुरू की जाने वाली नई व्यवस्था से आम जनता को समय की बचत के साथ साथ आरटीओ जाने की समस्या से निजात मिल सकेगी। अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक जिले से शुरू किया जाएगा।
1 अप्रैल से बंद हो जाएंगे 15 साल पुराने सरकारी वाहन
परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा कि 15 साल पुराने सरकारी वाहन अब 1 अप्रैल तक ही मान्य होंगें। संबंधित विभागों को अपने वाहन मान्यता प्राप्त स्क्रेपिंग एजेन्सी में स्क्रैप कराना होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लगभग चार हजार शासकीय वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं। इसके साथ ही मंत्री राजपूत का कहना हे कि परिवहन नीति में नए टेक्स आमजन के लिए काफी लचीले और फायदेमंद होंगे। इससे जहाँ शासन के खाते में राजस्व की वृद्धि होगी वहीं वाहन मालिक भी इससे लाभान्वित होंगे।
टैक्स में की जाएगी कमी
परिवहन विभाग की ओर से दी गई जानकारी केअनुसार कई स्वरूप में बसों के ऑल इंडिया परमिट के लिए प्रति सीट टैक्स में कमी का प्रस्ताव रखा गया। इसी प्रकार राज्य के बाहर से आने वाली ऐसी बसें जो फैक्ट्री में स्टाफ को लाने ले जाने के लिए अनुबंधित हैं, पर टैक्स का प्रावधान रखा गया है। अभी तक इस प्रकार के वाहनों पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता। इसी प्रकार की स्कूल बसों पर प्रति सीट प्रति वर्ष की दर से टैक्स का प्रावधान रखा गया है।