कमलनाथ कांग्रेस नेता। जो इस वक्त मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कमलनाथ देश की राजनीति का वो नाम है जिसे कांग्रेस के चाणक्य कहा जाता है। लगातार 9 बार जीतकर सांसद बने औऱ लंबे समय तक अलग अलग मंत्रालयों का कार्य़भार सम्हाते रहे। आइए बताते है आपको कि कैसा शुरू हुआ था।
कमलनाथ की राजनीति की डोर जुड़ी संजय गांधी
कमलनाथ के राजनैतिक जीवन के बीज संजय गांधी की दोस्ती के साथ ही शुरू हो चुके थे। कमलनाथ दून स्कूल में संजय गांधी के क्सालमेट थे। कमलनाथ बताते है कि “दून स्कूल में वो राजीव गांधी और संजय गांधी के साथ पढ़ते थे। जब इंदिरा गांधी उनसे मिलने आती थी तब कमलनाथ भी उनके साथ जाया करते थे।“ दून स्कूल के दिनों को याद करते हुए कमलनाथ बताते हैं कि “हम इंदिरा गांधी से मिलने सरकारी गेस्ट हाउस जाया करते थे । उस दौरान कमलनाथ “इंदिरा गांधी को आंटी” कहकर संबोधित करते थे।
कॉलेज के बाद शुरू हुई राजनीति
कमलनाथ का जन्म कानपुर में 1946 में हुआ था। कमलनाथ ने दून स्कूल से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज कलकत्ता में एडमिशन लिया। कलकत्ता के एडमिशन में लिया। उसी दौरान संजय गांधी ने कमलनाथ
को उस दौरान भी प्रियरंजन दास और सिद्दार्थ शंकर रे के मुकाबले खड़ा किया।
इमरजेंसी से बदला राजनैतिक जीवन
कमलनाथ और संजय गांधी के बीच गहरी दोस्ती थी। इमरजेंसी के समय जब संजय गांधी को जेल जाना पड़ा । संजय गांधी को जेल में किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए कमलनाथ भी जेल चले गए। जेल जाने के लिए कमलनाथ ने जज से झगड़ा कर लिया। संजय गांधी के प्रति कमलनाथ का समपर्ण देख इंदिरा गांधी ने उनको अपना तीसरा बेटा माना। यहीं से शुरू हुआ कमलनाथ की राजनैतिक जीवन का सफऱ।
कमलनाथ के जीवन से जुड़ी इन बातों का जिक्र “विनोद मेहता ने अपनी किताब संजय गांधी अनटोल्ड स्टोरी में मिलता है।“
कमलनाथ को पंसद आया मध्यप्रदेश
कमलनाथ को मध्यप्रदेश ज्यादा पंसद आया। 1977 में जब इमरजेंसी थी तब मध्यप्रदेश में छिदवाड़ा की ही सीट कांग्रेस जीत सकी थी। इसी समय कमलनाथ ने भी मध्यप्रदेश से टिकट मांगा कमलनाथ को मध्यप्रदेश में बैतूल की सीट पसंद आई। कांग्रेस की ओर से कमलनाथ को बैतूल का टिकट मिल गया लेकिन कांग्रेस ने वो टिकट वापस ले लिया क्योंकि वहां के मौजूदा सांसद के टिकट कटने से वहां कार्यकर्ता नाराज थे। इसके बाद कमलनाथ को छिंदवाड़ा से टिकट दिया गया।कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से 1980 में सांसद का चुनाव लड़ा और जीते।
छिंदवाडा और कमलनाथ बनते गए एक दूसरे की पहचान
1980 में जब छिंदवाड़ा से कमलनाथ को पहली बार टिकट मिला तो उनके प्रचार के लिए इंदिरा गांधी आई।
इंदिरा गांधी ने कहा कि आप ये सोचें की आप कांग्रेस को नहीं मेरे बेटे को वोट दे रहे हैं।
तभी से कमलनाथ इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे कहलाते हैं।
छिंदवाड़ा से कमलनाथ ने एक एक कर नौं बार चुनाव जीता।
कमलनाथ के मंत्री बनने का सफर 1991 से शुरू हुआ।
कमलनाथ ने केंद्र सरकार में कई अहम मंत्रालयों का कामकाज सम्हाला इसमें कपड़ा मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय,शहरी विकास मंत्रालय।
इस दौरान कमलनाथ कांग्रेस के साथ कदमताल करते रहे और एक समय ऐसा आया कि कमलनाथ कांग्रेस का चाणक्य कहलाने लगे।
कमलनाथ की गांधी नेहरू परिवार से नजदीकियां कांग्रेस में उनके बढ़ते कद की सबसे बड़ी वजह रहीं।
कमलनाथ एक बार छिंदवाड़ा से चुनाव हारे भी
कमलनाथ का नाम जैन हवाला कांड में आने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी अलका नाथ को चुनाव में खड़ा किया
अलकानाथ जीत गई लेकिन फिर कमलनाथ ने उनसे इस्तीफा दिलाकर खुद चुनाव लड़ा
इन उपचुनावों में कमलनाथ को सुंदरलाल पटवा ने हरा दिया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने कमलनाथ
कमलनाथ ने 2018 में मध्यप्रदेश कांग्रेस की समान सम्हाली।
वो मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने
उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सरकार बनाई
सरकार डेढ़ साल में गिर गई
अब कमलनाथ मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर साल 2023 के लिए कांग्रेस सरकार बनने की रणनीति बना रहे हैं।
कई बार विवादों में रहे कमलनाथ
कमलनाथ का नाम कई बार विवादों में भी
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में हुए सिख दंगों में उनका नाम आया हांलाकि उस मामले में उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं हो सकी।
1990 के जैन हवाला कांड में भी जैन बंधु की डायरी से के एन लिखा था बताया जा रहा था कि वो नाम कमलनाथ का था।
कमलनाथ अच्छे बिजनेसमेन हैं , अमीर सांसदों मंत्रियों में होती है गिनती
2011 में कमलनाथ की गिनती देश के सबसे अमीर केंद्रीय मंत्री के तौर पर होती थी। इनकी संपत्ति दो अरब 71 करोड़ रूपए है। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के अपने हवेलीनुमा घर में एक हैलीपेड बना रखा है। कमलनाथ उन चुनिंदा नेताओं में से है जो अपने ही च़ॉपर से उड़ान भरते हैं। कमलनाथ एक अच्छे बिजनेस मेन भी हैं। उनकी रियल स्टेट ,हास्पिटालिटी और शिक्षा से जुड़े कोरबार हैं जिनको कमलनाथ के दोनों बेटे नकुल नाथ और बकुलनाथ सम्हाल रहे हैं।
देखें वीडियो-