केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात पार्टी के 13 बड़े नेताओं के साथ भोपाल में विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन किया। शाह ने पहले यह जाना कि मध्य प्रदेश में जीत की क्या स्थिति है। कितनी ऐसी सीट हैं जिन पर बीजेपी आसानी से जीत रही है। साथ ही कितनी विधानसभा क्षेत्रों में उसे चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। कई सीटों पर स्थिति ठीक नहीं है।
- विधानसभा चुनाव को लेकर शाह का मंथन
- हारने वाली सीटों पर विशेष फोकस
- कई सीटों पर ठीक नहीं है बीजेपी की स्थिति
- कट जा सकते हैं सिटिंग एमएलए के टिकट
बैठक में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय संगठन और प्रदेश संगठन से लेकर सत्ता से जुड़े लोग शामिल हुए। शाह अपने साथ एक एक विधानसभा सीट का पूरा फीडबैक लेकर आए थे। बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए बूथ स्तर तक की प्लानिंग बना रखी है। खासतौर से यात्राएं जिसमें आशीर्वाद यात्रा के साथ लोगों के घर घर तक पहुंचने का प्लान यह सब शामिल है। अमित शाह ने इसे लेकर कहा कि अब बीजेपी को विजय संकल्प अभियान शुरू कर देना चाहिए। इसका साफ मतलब है इस अभियान का मकसद जनता के बीच संदेश देना है कि बीजेपी ही अच्छी सरकार दे सकती है।
चुनाव से पहले शुरु होगा विजयसंकल्प अभियान
बता दें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बैठक खत्म होते ही मीडिया से चर्चा की और बैठक में लिए गए निर्णय और की गई चर्चा की जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि अमित शाह ने विजय संकल्प अभियान की शुरुआत करने की बात कही है। हालांकि अब तक ये तय नहीं हुआ है कि विजय संकल्प अभियान की शुरुआत कब होगी। लेकिन यह साफ हो गया है कि अब आने वाले दिनों में बीजेपी की रथयात्रा है और अन्य यात्राएं सड़कों पर नजर आएंगी।
आदिवासी मामलों की भी शाह ने ली जानकारी
पार्टी सूत्र बताते हैं कि अमित शाह ने मध्यप्रदेश में आदिवासियों की वोट बैंक को लेकर भी चर्चा की है। उन्होंने आदिवासी वर्ग बीजेपी को किस तरह से देखता है। उसका झुकाव बीजेपी की ओर कितना है। इसके साथ ही आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के मामलों पर भी चर्चा की गई।
कट सकते हैं मंत्री विधायकों के टिकट
अमित शाह की बैठक के बाद ऐसे विधायक और मंत्रियों की धड़कनें बढ़ गई हैं जिनका परफॉमेंस ठीक नहीं है। शाह ने साफ शब्दों कहाहै कि इस बार 2018 जैसी स्थिति नहीं बनना चाहिए। कोशिश हो की हर हाल में सरकार बनें। अमित शाह ने इसके लिए गुजरात फार्मूले को लागू करने की भी बात कही है। जिससे कहा जा रहा है कि बीजेपी बड़े स्तर पर मौजूदा विधायकों और मंत्रियों को इस बार टिकट नहीं देने वाली है। नए चेहरों को मौका देकर मैदान में लाया जा सकता है। इसके साथ ही गुजरात फार्मूले के चलते मंत्री पुत्रों के साथ ही परिवारवाद को आगे बढ़ाने वालों को भी निराशा का सामना करना पड़ सकता है।।
तलब की सिंधिया समर्थकों की रिपोर्ट
भोपाल पहुंचने से पहले अमित शाह ने मध्यप्रदेश बीजेपी की पूरी रिपोर्ट हासिल कर ली थी।दरअसल अमित शाह बैठक से नहले पूरा होमवर्क करते हैं। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया समर्थक नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी तलब किया। माना जा रहा है कि चुनाव में बीजेपी कांग्रेस से आने वालों को भी टिकट काट सकती है।