मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 229 सीटों पर पार्टी की ओर से प्रत्याशी मैदान में उतार दिये हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन में दरार पड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच खटास का असर अब दूसरे प्रदेशों पर भी पड़ने लगा है। मध्य प्रदेश में तनातनी की प्रभाव उत्तरप्रदेश की राजनीति पर दिखाई दे रहा है। दोनों ही दलों के नेता लोकसभा चुनाव अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरने का दावा कर रहे हैं। सपा ने मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी अपने दम पर चुनाव लड़ाने का मन बना रही है।
- मप्र में नहीं हो सका कांग्रेस-सपा गठबंधन
- कांग्रेस ने 229 सीटों पर नाम किये घोषित
- खटास से INDIA गठबंधन में दरार!
- क्या दूसरे राज्यों पर भी पड़ेगा प्रभाव
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान
- ‘यूपी में इंडिया एलायंस लगभग टूट गया है’
- ‘मध्य प्रदेश में सपा को कांग्रेस ने बेवकूफ बनाया’
- हमारे साथ धोखा हुआ: अखिलेश यादव
- ‘कांग्रेस में रात एक बजे तक मीटिंग चली’
- ‘अगले दिन सूची में एक भी सपा की सीट नहीं दी’
- कांग्रेस के लोग बीजेपी से मिले हुए हैं: अखिलेश यादव
- ‘मध्यप्रदेश के कांग्रेस के नेताओं को बताया चिरकुट’
- ‘नेताओं की क्या हैसियत, जो उनके बारे में बयान दें’
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच की खटपट बढ़ गई है। हालांकि इसका असर फौरी तौर पर भले ही नहीं नजर आ रहा हो लेकिन दूरगामी परिणामों से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके संकेत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से मिलते हैं। एमपी में एक भी सीट नहीं दिए जाने से नाराज अखिलेश यादव ने कहा कांग्रेस के साथ यूपी में भी वैसा ही सलूक किया जा सकता है। जाहिर है यदि कांग्रेस खुद को एमपी में मजबूत समझ सपा को सीटें देने से परहेज कर रही है तो लोकसभा चुनावों में यही रवैया सपा की ओर से भी अपनाया जा सकता है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा यूपी में इंडिया एलायंस लगभग टूट गया है। मध्य प्रदेश में सपा को कांग्रेस ने बेवकूफ बनाया। हमारे साथ धोखा हुआ है। कांग्रेस में रात एक बजे तक मीटिंग चलती रही। अगले दिन सूची में सपा को एक भी सीट नहीं दी गई। अखिलेश ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं को चिरकुट करार देते हुए कहा कांग्रेस के लोग बीजेपी से मिले हुए हैं। इन नेताओं की क्या हैसियत,जो उनके बारे में बयान दें।
मध्यप्रदेश के चुनाव को लेकर उप्र में राजनीति में उबाल आ गया है। सपा का कहना है वह अकेले ही काफी हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी यही मूड है। मप्र में विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों दलों में सीटों का बंटवारा नहीं हो सका। बस यहीं से दोनों ने एकला चलो की नीति अपना ली। इस बीच अखिलेश यादव ने लखनऊ में मप्र के समाजवादी पार्टी के नेताओं को बुलाया। समझा जा रहा है कि बदले सियासी हालात में अब सपा कई सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। समाजवादी पार्टी ने बीते पिछले दिनों रविवार को 9 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी।