मप्र विधानसभा चुनाव : थ्री लेयर सुरक्षा घेरे में EVM, फिर भी रहेगा सियासी पहरा,3 दिसंबर को खुलेगी किसकी किस्मत

MP Assembly elections have political eye on EVM

मध्य प्रदेश में नई सरकार चुनने के लिए होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 17 नवंबर को हो गया है। वहीं वोटिंह होने के बाद देर रात तक ईवीएम मशीन को स्ट्रांग रुम में सूरक्षित तरीके से जमा किया गया। इस तरह एमपी में 230 सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत शुक्रवार को ईवीएम में पूरी कैद हो गई है। इन सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला अब 3 दिसबंर को होगा। जिसका इंतजार प्रत्याशियों के साथ एमपी की जनता को बेसब्री से है। इस बार एमपी में रिकॉर्ड मतदान हुआ और लोकतंत्र के पर्व को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिला। मध्यप्रदेश में बने कुल 64 हजार 626 मतदान केंद्रों में बंपर वोटिंग हुई। 230 विधानसभा सीटों पर रिकॉर्ड 76.22 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। ये आंकड़ा पिछले 2018 के चुनाव से ज्यादा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 75.63% वोटिंग हुई थी।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुक्रवार को पूरी हो गई। शाम 6 बजे तक बंपर वोटिंग की गई। चुनाव आयोग की ओर से मिली जानकारी मुताबिक मध्य प्रदेश में कुल 76.22 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछले साल 2018 के विधानसभा चुनाव में करीब 75.49% वोटिंग हुई थी। मुरैना के दिमनी और जौरा में हिंसा के दौरान जमकर लाठी-डंडे चले इतना ही नहीं फायरिंग हुई है। हालांकि चुनाव आयोग ने इन सभी खबरों को खारिज किया है। मप्र की कई विधानसभा सीटों पर हिंसा के बाद भी महिला मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर इस बार मतदान में हिस्सा लिया है। इस बार 2023 के चुनाव में मध्य प्रदेश में 22 लाख से अधिक युवा वोटर पहली बार वोट डालने निकले। कई मतदान केन्द्रों पर बुजुर्गों मतदाताओं में भी वोटिंग में उत्साह देखने लायक था।

15 नवंबर को मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार का शोर थमने के बाद राज्य की 230 सीटों के लिए करीब 2533 प्रत्याशी की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। शुक्रवार 17 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मध्य प्रदेश में 64 हजार 626 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया गया। इतना ही नहीं नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट, मंडला और डिंडौरी में भी सुबह 7 से दोपहर तीन बजे तक मतदान कराया गया।

मतदान के साथ थमी सियासी हलचल

मध्यप्रदेश में पिछले एक महीने से कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान मतदान के साथ थम ​गया है। इस दौरान राज्य में कई सियासी रैलियां और जनसभाओं का आयोजन किया गया। भाजपा कांग्रेस दोनों पार्टियों के बीच सोशल मीडिया पर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रही। दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर आरोप प्रत्यारेाप लगाए। एक दूसरे को नीचा दिखाने में दोनों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अब शुक्रवार 17 नवंबर को मध्य प्रदेश के मतदाताओं ने अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों के भाग्य पर अंतिम मुहर लगा दी है। सभी 230 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान हुआ।

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