केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भोपाल दौरा अचानक हो रहा है। इस दौरे को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। खास बात ये है कि चार घंटे के दौरे में अमित शाह यहां चुनावी रणनीति पर मंथन करने आ रहे हैं। अमित शाह आज शाम को भोपाल पहुंचने वाले हैं। अमित शाह का ये दौरा अचानक नहीं हो रहा है। वे यहां चुनावी रणनीति पर मंथन करने आ रहे हैं। शाह के साथ दोनों चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव भी रहेंगे। ये वो प्रभारी हैं, जिन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव की सफलतापूर्वक कमान संभाली थी। जिनके साथ अमित शाह बीजेपी प्रदेश कार्यालय में विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा पार्टी कोर ग्रुप के 10 से 15 सदस्यों को ही बुलाया गया है।
- कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे शाह
- बैठक में केवल 10 से 15 पदाधिकारी रहेंगे मौजूद
- दोनों चुनाव प्रभारी भी होंगे बैठक में शामिल
- कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश
- अब चुनाव की कमान संभालेंगे शाह
सीधे दिल्ली से तय होंगे अब टिकट!
अहम बैठक के जरिए शाह पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि अब मध्यप्रदेश में चुनाव की कमान अब उनके हाथ में है। चुनाव से जुड़ा कोई भी फैसला बगैर उनकी अनुमति के नहीं लिया जाएगा। कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि प्रदेश में किसी तरह की कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही यह भी संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि शाह है तो सब कुछ हो सकता है। इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के नेताओं की दाल नहीं गलेगी। अब टिकट सीधे दिल्ली से तय होंगे।
बीजेपी ने लिया 2018 के चुनाव से सबक
बता दें 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की चुनोती से निपटना है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में समाप्त होगा। ऐसे में राज्य विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होंगे। 2018 का विधानसभा चुनाव सीएम शिवराज के नेतृत्व में लड़ा गया था लेकिन बीजेपी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। तब कांग्रेस की सरकार बनी थी। हालांकि सिंधिया की बगावत के चलते करीब डेढ़ साल के बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और बीजेपी फिर से सत्ता में आ गई थी। 2018 के चुनाव से सबक लेते हुए बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व का पूरा फोकस मध्यप्रदेश पर है। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों से केंद्रीय नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाले कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री की भी मौजूदगी रहती है।