मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी ने अनुसूचित जाति के वोटर्स को साधने के लिए एक बड़े प्लान पर काम शुरु कर दिया है। प्रदेश के करीब 15.6 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए सागर में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से संत रविदास महाराज के मंदिर बनाया जा रहा है। इसे लेकर मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों के साथ पांच जिलों से 5 यात्राएं निकाली जा रही हैं। जिसे समरसता संदेश यात्रा नाम दिया गया है। इसे लेकर भोपाल के संत रविदास मंदिर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल आर्य, विधायक कृष्णा गौर ने मंदिर में पूजा अर्चना की। साथ ही पांच रथों को रवाना किया। अब ये यह रथ 11 अगस्त को सागर पहुंचेंगे। लेकिन इससे पहले ये रथ अलग-अलग क्षेत्रों से होते हुए इस वर्ग के लिए किये गये कामों की जानकारी आमजन को देंगे। रथ के पहुंचने पर 12 अगस्त को मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा।
- अजा वर्ग की 35 सीटों को साधने की कवायद
- संत रविदास समरसता यात्रा के रथ रवाना
- मप्र में है अजा वर्ग की करीब 15.6 फीसदी आबादी
- आदिवासी वोटरों को साधने निकाली थी रानी दुर्गावती गौरव यात्रा
- संत रविदास समरसता यात्रा से अजा वर्ग पर नजर
- अनूसचित जाति वर्ग के लिए हैं 35 सीटें आरक्षित
दरअसल इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। इससे पहले भाजपा हर वर्ग के वोटरों को साधने की कोशिशों में जुटी है। आदिवासी वोटरों को साधने रानी दुर्गावती गौरव यात्रा निकाली थी। इसके बाद अब बीजेपी संत रविदास समरसता यात्रा निकालने जा रही है। रथ अनुसूचित जाति वोटरों की विधानसभा होते हुए 5 स्थानों पर पहुंचेंगे। जहां से 25 जुलाई को बीजेपी के वरिष्ठ नेता रथों के माध्यम से संत रविदास समरसता यात्रा को सागर के लिए रवाना करेंगे। जहां 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संत रविदास महाराज का मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा।
पचपन हजार गांवों की मिट्टी
25 जुलाई से शुरू होने वाली यह यात्राएं 18 दिनों तक प्रदेश में भ्रमण कर आमजन को संत रविदास जी के मंदिर से जोड़ेंगी। यात्राओं के माध्यम से प्रदेश के 55 हजार गांवों से मिट्टी और 350 से अधिक नदियों से जल एकत्रित किया जाएगा। 12 अगस्त तक प्रदेश के 5 स्थानों से 45 जिलों में संत शिरोमणि रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्राएं पहुंचेंगी एवं 7 जिलों में उपयात्राएं निकलेंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता इन यात्राओं को रवाना करेंगे।
भाजपा का ये है सियासी गणित
मप्र की करीब 8 करोड़ आबादी में से करीब 15.6 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखती है। मप्र की 230 सीटों में से करीब 35 सीटें ऐसी हैं जो अनूसचित जाति वर्ग बहुल है और इसी वर्ग के लिए आरक्षित भी हैं। बता दें 2003 और 2013 तक अनुसूचित जाति वर्ग के वोट से भाजपा सत्ता में काबिज होने में सफल रही थी, लेकिन साल 2018 में इस वर्ग के छिटकने से बीजेपी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। इस वर्ष कांग्रेस ने 18 और भाजपा ने 17 सीटें जीतने में काबयाबी हासिल की थी। जबकि 2013 में बीजेपी को 28 सीटें मिली थी।
बुंदेलखंड में सात जिले
बीजेपी की नजर सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ निवाड़ी जिले पर है। जहां 26 सीटें हैं। इनमें से 17 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। एक सीट पर बसपा और एक पर सपा के पास है। टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले की सभी 5 सीट बीजेपी के कब्जे में है। दरअसल बुंदेलखंड में दलित वोटर्स अच्छी खासी संख्या में है। ऐसे में इस वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों लालायित नजर आ रही हैं।