पंगत में संगत की तर्ज पर दिग्विजय सिंह फिर सक्रिय, हारी हुई सीटों पर फोकस,बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश

MP Assembly Election Digvijay Singh

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को शोर सुनाई देने लगा है। नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं। वहीं बैठकें भी तेज हो गई हैं। विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को मजबूत और एकजुटता करने की है। ऐसे में मध्य प्रदेश एक बार फिर कांग्रेस ने चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने का जिम्मा दिग्विजय सिंह को सौंपा है। अगले 60 दिन में दिग्विजय सिंह 65 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर कांग्रेस के लिए जमीन मजबूत करेंगे। चिन्हित की गई 65 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि इसकी जिम्मेदारी अब दिग्विजय सिंह को सौंपी गई है कि कैसे बीजेपी के कब्जे वाली सीटों पर कांग्रेस मजबूत बने।

साल 2018 के चुनाव में दिग्विजय नर्मदा परिक्रमा यात्रा कर मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में वापसी करवा चुके हैं। नर्मदा परिक्रमा यात्रा के अलावा दिग्विजय सिंह ने एक और बड़ी भूमिका निभायी थी। उन्होंने चुनाव से ठीक पहले राज्य में एक समन्वय यात्रा निकाली, जिसका मुख्य उद्देश्य ही नाराज़ कांग्रेसियों को मनाना था। समन्वय यात्रा के तहत दिग्विजय सिंह ने आम कार्यकर्ताओं को जोड़कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में बड़ा रोल निभाया था। जिसका असर यह हुआ कि बूथ तक तक कांग्रेस कार्यकर्ता डटा रहा जिससे 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में लौटी थी।

दिग्विजय सिंह प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा कर चुनावी रणनीति बनाएंगे। इसकी शुरुआत भोपाल से हो रही है। वे भोपाल की गोविंदपुरा, नरेला और बैरसिया क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर उनमें जोश भरेंगे। चुनाव के लिए सक्रिय करेंगे। पीसीसी चीफ कमलनाथ के बाद अब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मप्र में सक्रिय होंगे। आज शुक्रवार से दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश की विधानसभा क्षेत्रों के सघन दौरा करने वाले हैं। इसकी शुरुआत भोपाल से हो रही है। अपने दौरे के दौरान दिग्विजय सिंह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर कर पदाधिकारियों के बीच समन्वय बनाने की कोशिश करेंगे।

बैरसिया और गोविंदपुरा से श्रीगणेश

दिग्विजय सिंह प्रथम चरण की शुरुआत भोपाल जिले के बैरसिया और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से कर रहे हैं। यह दोनों सीटे लंबे समय से बीजेपी के कब्जे में हैं। एक तरह से बीजेपी का अभेद गढ़ बन चुकी हैं।
इसके बाद 19 फरवरी को दिग्विजय सिंह बुदनी, टिमरनी पहुंचेंगे। यह भी बीजेपी के कब्जे में हैं। यहां वे मंडलम और सेक्टर कार्यकर्ताओं से वन टू वन बातचीत करेंगे। विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, किसान कांग्रेस, एनएसयूआई के साथ दूसरे सभी मोर्चा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।

पंगत में संगत

2018 से पहले की थी पंगत में संगत

2018 के चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा कर कांग्रेस के लिए 100 से ज्यादा सीटों पर जमीन मजबूत की थी। इस बार वो सभी 230 विधानसभा सीटों पर पहुंचने की तैयारी में हैं। बता दें कांग्रेस दिग्विजय सिंह को चुनाव प्रचार से दूर रखती है। 2018 के चुनाव से पहले भी दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा कर पार्टी में नई जान फूंक दी थी। इसके साथ ही उन्होंने पंगत में सगंत कार्यक्रम शुरु किया था। जिसके चलते प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी। इस बार फिर दिग्विजय सिंह अलग रूप में सामने आ रहे हैं। बता दें राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा के सूत्रधार और प्रबंध संभाल चुके दिग्विजय सिंह अब अपनी बदली छवि के साथ जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं।

दिग्विजय समझते हैं कार्यकर्ता की नब्ज

सियासी जानकार बताते है कि दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं की नब्ज को बहुत अच्छे से समझते हैं। पार्टी के लिए दिग्विजय सिंह जो भी व्यूह रचना तैयार करते हैं वो बेजोड़ होती है। जिसका लाभ भी संगठन को मिला। ये 2018 में साबित हो चुका है। दरअसल जमीनी पकड़ के मामले में दिग्विजय सिंह का कांग्रेस को कोई सानी नहीं है। यही वजह है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भी आयोजन समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे बखूबी निभाया अब फिर दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश में संगठन स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

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