मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक्शन मोड में आ गई है। जनता की परेशानियों और समस्याओं के किन मुद्दों को लेकर पार्टी को जाना है। इसको लेकर दिग्गज नेताओं ने मंथन शुरु कर दिया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ के भोपाल स्थित आवास पर बैठक बुलाई गई। जिसमें चुनावी मुद्दों और किये जाने वाले वादों को लेकर मंथन किया जा रहा है।
- नवंबर में होंगे मप्र विस चुनाव
- चुनाव से पहले सक्रिय हुई कांग्रेस
- कांग्रेस वचन पत्र समिति की बैठक
- कमलनाथ के आवास पर अहम बैठक
- जनसमस्याओं और वादों पर मंथन
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस एक्शन मोड में आ गई है। जनता की परेशानियों और समस्याओं के किन मुद्दों को लेकर पार्टी को जाना है। इसको लेकर कमलनाथ के साथ दिग्गज नेता बैठक में मंथन कर रहे हैं। इससे पहले हुई बैठक में तय किया गया था कि संगठनों के साथ चर्चा की जाएगी और लोगों से भी बात करके मुद्दों को जुटाया जाएगा। इस बार पार्टी जिलास्तर पर भी स्थानीय मुद्दों के साथ वहां का वचन पत्र भी जारी करेगी।
दअसल कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए वचन पत्र बनाने का काम विधिवत रूप से चालू हो गया है। कुछ दिन पहले वचन पत्र सलाहकार समिति बनाई गई थी। जिसके अध्यक्ष पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर समिति की बैठक में वचनपत्र समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, मुकेश नायक सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
जिला स्तर पर जारी होगा वचन पत्र
कांग्रेस इस बार के चुनाव में प्रदेश स्तर पर तो वचन पत्र जारी करेगी। साथ ही स्थानीय मुद्दों के आधार पर 1-1 वचन पत्र जारी किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने समिति के सदस्यों को निर्देश दिया है कि समिति हर विभाग के कामकाज के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। कमलनाथ ने समिति के लोगों से कहा कि प्रदेश में 18 महीने तक कांग्रेस की सरकार रही है।, इसके कार्यों का संकलन करें।
भाजपा के दुष्प्रचार को बारीकी से देखें
समिति की बैठक में कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को बारीकी से देखें। साथ ही प्रदेश के सभी इलाकों की वर्तमान समस्याओं और उनकी आकांक्षाओं का विस्तृत अध्ययन किया जाए। उन्होंने कहा कि इस समस्याओं को दूर करने के लिए इलाके के हिसाब से पाइंट तैयार किए जाएं। जिसके बाद प्रत्येक जिले में जरूरत के हिसाब से वचन पत्र तैयार किए जाएं।