बिहार में जहरीली शराब से 39 की मौत पर CM का संवेदनहीन बयान, बोले-शराब पिएगा तो मरेगा ही

राज्यसभा में भी उठा मामला

पटना: जहां पिछले छह साल से शराबबंदी है, उस बिहार में 39 जिंदगियां जहरीली शराब के नाम दर्ज हो गईं। आंकड़ा बढ़ भी सकता है, क्योंकि पिछले दो दिनों में मृतकों की जिस तरह संख्या बढ़ी, वैसे तो क्रिकेट में विकेट भी नहीं गिरते। संख्या आधिकारिक तौर पर भले 40 के नीचे हो, सूत्र बता रहे हैं कि 70 से कम जानें नहीं गई हैं। बिहार के छपरा यानी सारण जिले में जहरीली शराब ने सचमुच कहर बरपा दिया है।

गरीबों पर बरपा है कहर

सारण जिले में शराब माफिया ने आम लोगों की जिंदगी से ऐसा खतरनाक खेल खेला कि देखते ही देखते जिले में 35 से अधिक लोगों की लाशें बिछ गईं। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, छपरा जिले के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र में दो दिनों के भीतर 39 लोगों ने अपनी जान जहरीली शराब की वजह से गंवाई है।

अब भी कई लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और 25 का पोस्टमार्टम हो चुका है। छपरा शराबकांड ने सबसे अधिक गरीबों पर कहर बरपाया है। किसी के पास लाश जलाने को पैसे नहीं हैं, तो वह चंदा मांग रहा है तो कुछ डर के मारे जल्द से जल्द लाश जला देना चाह रहे हैं। बिहार के शराबबंदी कानून के मुताबिक मृतकों को किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं मिल सकता। साथ ही, परिवार पर भी कार्रवाई हो सकती है, इसलिए भी लाशों की संख्या कम बताई जा रही है।

गरमा गई है बिहार की राजनीति

इस मसले पर जहां एक तरफ राज्यसभा में बिहारी नेता सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाया, तो दूसरी तरफ भाजपा विधायकों ने बिहार विधानसभा के बाहर और अंदर जमकर हंगामा किया है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार अगर अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और सारण से सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि शराबबंदी पूरी तरह असफल हो चुकी है। सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को फ्रस्ट्रेटेड करार दिया।

नीतीश का संवेदनहीन बयान

हालांकि, नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर अपने रुख पर कायम हैं। कल विधानसभा में विपक्षी विधायकों के साथ तुम-ताम से बात करने और गुस्सा दिखाने के बाद आज उन्होंने प्रेस के सामने एक संवेदनहीन बयान दिया है। उन्होंने प्रशासनिक असफलता या पुलिस की लापरवाही पर बात नहीं की और कहा कि जो शराब पिएगा वो मरेगा ही। उनके इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है।

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