मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के साथ अन्य को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने शिकायतकर्ता और गुजरात बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी को भी नोटिस जारी किया है। उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने पर मामले की सुनवाई अब 4 अगस्त को होगी।
- राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- 4 अगस्त को होगी मामले की अगली सुनवाई
- उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग
- बेंगलुरु में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी की थी टिप्पणी
- बोले- सभी चोरों का सरनेम ‘मोदी’ क्यों?
- गुजरात बीजेपी विधायक ने की थी कोर्ट में शिकायत
बता दें गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उच्च न्यायालय के इस निर्णय को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। राहुल गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए।
सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने दी कुछ इस तरह की दलीलें
बता दें राहुल गांधी की ओर से 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी। जिसमें अपील की गई कि उनके खिलाफ जारी फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे बोलने और अभिव्यक्ति के साथ विचार और बयान की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया जाएगा। राहुल गांधी के वकील ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय के फैसले पर यदि तत्काल रोक नहीं लगाई जाती है तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को बार-बार कमजोर करने का प्रयास किया जाता रहेगा। लोकतंत्र का गला घोंटने में योगदान देगा। भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक साबित होगा।
कैविएटर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी रहे मौजूद
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे कैविएटर की ओर से उपस्थित हुए हैं। वे इस मामले में संक्षिप्त उत्तर देना चाहते हैं। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि कैविएटर को जल्द ही अदालत में आना होगा। इसके बाद जस्टिस गवई ने कहा शुरू करने से पहले उन्हें दोनों तरफ से कुछ कठिनाइयों को व्यक्त करना होगा। उनके पिता कांग्रेस से जुड़े हुए थे। हालांकि वे कांग्रेस के सदस्य नहीं थे। लेकिन उनके करीबी कांग्रेस में सहयोगी थे। उनके पिता का 40 साल पुराना साथ रहा है। वे कांग्रेस की मदद से चुने गए थे। उनका भाई भी सक्रिय राजनीति में है। इस पर राहुल के वकील सिंघवी ने कहा ये उचित टिप्पणी है। उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं। जस्टिस गवई ने कहा कि विक्टोरिया गौरी के मामले में उनके संबंधों को सामने लाया गया था। इसलिए आप कॉल ले सकते हैं। जस्टिस गवई ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया। इस पर सिंघवी ने मामले में अंतरिम राहत देने की मांग की। जिसे लेकर जस्टिस गवई ने कहा इस स्तर पर इसके लिए वे सहमत नहीं है। इसके बाद में सिंघवी ने कहा कि फिर हमें आगे की तारीख बताई जाए। सिंघवी का तर्क है कि राहुल गांधी अंतरिम राहत की अपील करते हुए पहले ही एक संसद सत्र खो चुके हैं और वर्तमान में दूसरे सत्र से भी दूर हैं।
…तो राहुल 2031 तक नहीं लड़ सकेंगे कोई चुनाव
मोदी सरनेम केस में सजा पर रोक की मांग को लेकर राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। यहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद 4 अगस्त की तारीख तय की गई है अगली सुनवाई के लिए। माना जा रहा है कि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने की स्थिति में वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। नियमानुसार सेशंस कोर्ट से मिली 2 साल की सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक बरकरार रहेगी।