मोचा तूफान की तबाही​: कहां क्या हुआ ये है पूरा हाल

209 किमी प्रति घंटे की रफ्तार चली आंधी

चक्रवाती तूफान मोचा ने कई जगह भारी तबाही मचाई है। निचले इलाकों में समुद्र का पानी भर गया तो कहीं कहीं लोग बाढ़ और तूफान में फंस गए। फंसे लोगों को निकालने के राहत एवं बचाव कार्य में लगी टीम ने उन्हे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय इलाकों में इसका असर काफी संकटकारी रहा।

209 किमी प्रति घंटे की रफ्तार चली आंधी

मोचा तूफान के म्यांमार और बांग्लादेश के तटीय इलकों से टकराने के बाद भारी बारिश शुरु हो गई। यहां तेज हवाएं ​चलीं और कई लोगों को बेघर कर दिया। कहीं टीन की छते उड़ गई तो कहीं झोपड़िया हवा के बवंडर का शिकार हो गई। हवा 209 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया। शक्तिशाली तूफान मोचा के म्यांमार में दस्तक देने के बाद देश के पश्चिमी तट के पास के इलाकों में 12 फुट तक समुद्र का पानी भरा और करीब एक हजार लोग इसमें फंस गए। पूरे इलाके की बिजली और इंटरनेट जैसी सेवाएं ठप हो गई। बताया जा रहा है इस आंधी में सैकड़ो लोग घायल हुए है जबकि कुछ लोगों के मारे जाने की भी खबर है। हालांकि मृतकों की संख्या का अभी पता नहीं चल सका है।

20 हजार लोगों ने दूसरे स्थानों पर ली शरण

सितवे में रखाइन यूथ्स फिलांथ्रोपिक एसोसिएशन के एक सदस्य का कहना है कि तेज गति से चल रही हवाओं के कारण करीब 800 लोग घायल है। ये वो लोग हैं जिन्हे हवा अपने साथ उड़ा ले गई थी। काफी दूर तक घिसटते लोगों को राहत एवं बचाव कार्य में लगे दलों ने इन्हे बचाया है। नाम न बताने की शर्त पर एसोसिएशन के नेता ने कहा कि लगभग 20 हजार लोग आंधी में फंस गए थे उन्हे सितवे में मठों,पैगोडा और विद्यालयों जैसे कई स्थानों पर छुपना पड़ा है।उनका दावा है कि चक्रवात मोचा के रखाइन राज्य में दस्तक देने के बाद तटीय क्षेत्र में निचले इलाकों में समुद्र का पानी घुस आया है। लोग घरों की छतों पर बैठने के लिए मजबूर हो गए।

घरों की छतों पर रात बिताने को हुए मजबूर

राहत एवं बचाव कार्य में लगे एक नेता का कहना है। तेज हवा और बारिश के कारण सैकड़ों लोग घरों की छतों पर रात भर बैठे रहे। भले ही हवा की गति कम हो गई थी लेकिन बाढ़ का पानी भरा रहा और लोग उसी में फंसे रहे। उन्होंने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगभग 5 फिट पानी भरा रहा। उन्होंने नागरिक, संगठनों और अधिकारियों से सहायता भेजने और निवासियों को वहां से निकालने की अपील की। म्यांमा के सैन्य सूचना कार्यालय ने कहा कि तूफान ने सितवे, क्यौकप्यू और ग्वा कस्बों में घरों, बिजली के ट्रांसफार्मर, सेल फोन टावरों, नावों और लैम्पपोस्ट को नुकसान पहुंचाया है। देश के सबसे बड़े शहर यांगून से लगभग 425 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में कोको द्वीप पर खेल परिसरों की छतें भी गिर गई हैं।

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