मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में महिला की मौत के बाद आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन उग्र नजर आ रहे हैं। इसे लेकर आदिवासी समुदाय ने महू के बड़गोंदा थाने में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। उग्र होते आदिवासियों को नियंत्रित करने के लिए ने जब फायरिंग की तो एक युवक की मौत हो गई। जिसने आदिवासियों के साथ मध्यप्रदेश की सियासत को भी गरमा दिया है। विधानसभा चुनाव के मुहाने पर बैठे मध्यप्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस को बीजेपी सरकार के खिलाफ बैठे बैठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस ने आदिवासी अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए सदन में जमकर हंगामा किया। जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनिट के लिए स्थगित करना पड़ी। हालांकि सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं,लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को आसानी से छोड़ने वाली नहीं है।
- महू में आदिवासी युवती से दुष्कर्म के बाद हत्या
- आदिवासी वर्ग में आक्रोश
- बुधवार रात आदिवासियों ने किया थाने का घेराव
- पुलिस ने किया लाठीचार्ज और फायरिंग
- पुलिस की गोली से आदिवासी युवक की मौत
- विधानसभा में कांग्रेस ने उठाया मुद्दा
राज्य विधानसभा में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर खरीखोटी सुनाई। इतना ही नहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने बीजेपी सरकार में आदिवासियों पर हुए अत्याचार के आंकड़े गिनाए। तो वहीं पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी सरकार को कटघेरे में खड़ा कर दिया। कमलनाथ ने कहा ये दुख की बात है आदिवासी अत्याचार प्रदेश में बढ़ते जा रहे हैं। उनके पास आंकड़े हैं। वे जिन्हें विधानसभा के पटल पर रख रहे हैं। कमलनाथ ने कहा जांच के नाम पर अत्याचार के मामले टल जाते हैं। जयवर्धन सिंह ने सवाल किया कि पुलिस को फायरिंग के आदेश कहां से मिले थे। उन्होंने कहा आदिवासी महिला से दुष्कर्म के कारण आदिवासी समाज के लोग आंदोलित हुए थे। जिन पर क्या पुलिस को फायरिंग करने के आदेश थे। जब आदिवासियों का धरना होता है पुलिस तभी फायरिंग क्यों करती है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर पुलिस को फायरिंग के आदेश कहां से मिले थे।
सरकार पर भड़के आदिवासी विधायक हीरालाल अलावा
महू मामले को लेकर कांग्रेस के आदिवासी विधायक हीरालाल अलावा ने भी बीजेपी सरकार को कठघेरे में खड़ा किया है। अलावा ने कहा मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहा है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा वे महू हत्याकांड की निंदा करते हैं। सरकार से इस पर कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा नेमावर और नीमच में हुए अत्याचार की लड़ाई हमने लड़ी है। अब इस मुद्दे को लेकर भी हम विधानसभा में आदिवासियों की आवाज उठाएंगे। आदिवासी बेटी के अत्याचार और हत्या का मामला है। जयस हमेशा से आदिवासियों के हक के लिए लड़ती आ रही है।
सरकार ने दी सफाई, कराई जाएगी न्यायिक जांच
हालांकि सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा सरकार जांच करा रही है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घटना पर दुख जताया और कहा
घटना में 13 पुलिसकर्मी घायल हुए है। टीआई भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा थोड़ी देर में पीएम रिपोर्ट आने पर स्थिति साफ हो जाएगी।
क्या है पूरा मामला
बता दें पूरा मामला इंदौर से सटे महू के बडगोंदा थाना क्षेत्र का है। जहां आदिवासी वर्ग की एक युवती की संदिग्ध मौत के बाद परिजनों ने बुधवार शाम को डोंगरगांव चौकी के सामने युवती का शव रखकर चक्काजाम किया था। करीब एक घंटे तक यहां प्रदर्शन चलता रहा बाद में पुलिस की टीम ने ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए बलप्रयोग किया। साथ ही पुलिस लाठीचार्ज और फायरिंग पर उतर आई। जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस की फायरिंग में एक युवक को गोली लगी, जिसने बाद में उपचार के दौरान एमवाय अस्पताल में गुरुवार की सुबह दम तोड़ दिया।