Mayawati 67th Birthday: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का जन्मदिन आज यानी 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। इससे पहले बसपा की तरफ से एक गाना रिलीज किया गया है। मायावती के जन्मदिन को आज जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान मायावती ‘मेरे संघर्षमय जीवन एवं बसपा मूवमेंट सफरनामा भाग 18’ का हिंदी और अंग्रेजी में विमोचन करेंगी। जन्मदिन के अवसर पर बसपा के लोग गरीबों की मदद करेंगे और ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण करेंगे।
- बसपा सुप्रीमो मायावती का है 67वां जन्मदिन
- वह उत्तर प्रदेश की 4 बार मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं
- कांशीराम उन्हें राजनीति में लाए थे
- उनको बहनजी के नाम से भी जाना जाता है
- यूपी की राजनीति का एक प्रमुख ध्रुव हैं
मायावती को बताया देवी बुद्ध
गीत बसपा की दिल्ली यूनिट की तरफ से तैयार हुआ है। बसपा सुप्रीमों मायावती के लिए कैलाश खेर ने अपनी आवाज में गाना गाया है। सबसे खास बात ये है कि गाने के बोल में मायावती को आयरन लेडी और जननेता बताया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि राजनीति के शुरुआती दिनों में मायावती को कौन सी दिक्कतों व चुनौतियों का सामना करना पड़ा? एक सर्कुलर जारी करके कहा गया है कि आज सभी पार्टी कार्यालयों में यही गाना बजाया जाएगा।
इस गाने में मायावती को उद्धारक, गरीबों की सहायक और यहां तक कि देवी बुद्ध की अवतार तक बताया गया है। गाने की कुछ पंक्तियां आपके लिए नीचे हैंः
‘जन्मदिवस पर माया बहन को लाखो लाख बधाई
हिम्मत और साहस के कारण आयरन लेडी कहलाती है
भारत की जनता उनको देवी का रूप समझती है
बिना तुम्हारे कोई नही है तारण हार…’
ब्लू बुक किताब भी लांच करेंगी आज
बहुजन समाज पार्टी ने कहा है कि मायावती अपने इस जन्मदिन पर बहुजन समाज पार्टी की ब्लू बुक “मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा” के भाग-18 का विमोचन करेंगी। इसके अंग्रेजी संस्करण ए ट्रैवलॉग ऑफ माई स्ट्रगल रिडेन लाइफ एंड बीएसपी मूवमेंट” का भी लोकार्पण होगा।
वहीं, मायावती का जन्मदिन देश भर में खासकर उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ता जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाएंगे। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि वे गरीबों, मजदूरों और असहाय के बीच जाकर उनकी सहायता करें। पार्टी कार्यालय को झंडों से सजा दिया गया है और कार्यालय के बाहर बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाई गई हैं।
मायावती के बारे में कुछ खास बातें जानिए
मायावती के सिर पर दो ताज हैं। वह भारत की सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री के साथ-साथ सबसे पहली दलित महिला मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। वह चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक स्कूल शिक्षिका के रूप में की थी। वह कांशी राम की विचारधारा और कर्मठता से प्रभावित होकर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया।
मायावती का असली नाम चंदावती देवी है और उनका जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में हुआ था। उनकी माता का नाम रामरती और पिता का नाम प्रभु दयाल था। प्रभु दूरसंचार केंद्र में अफसर थे। मायावती के 6 भाई हैं। मायावती के करियर को पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्ह राव ने लोकतंत्र का चमत्कार बताया था तो फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें सबसे प्रभावशाली नेताओं की सूची में 59वें नंबर पर एक बार रखा था। सन 1995 में वे उत्तर प्रदेश की गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बनायी गयीं। सन 2001 में पार्टी के संस्थापक कांशी राम ने मायावती को दल के अध्यक्ष के रूप में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया।
सन 2007 के विधान सभा चुनाव के बाद मायावती फिर से सत्ता में लौट आई और भारत के सबसे बड़े राज्य की कमान संभाली। 2009 में बसपा ने उत्तर प्रदेश से 20 सीटें जीतीं। उन्हें राज्य में किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से अधिक लगभग 28 फीसदी वोट मिले। उनका शासनकाल सख्त लॉ एंड ऑर्डर के लिए जाना जाता है, हालांकि शायद उनके निरंकुश शासन की वजह से ही बाकी पिछड़े उनसे छिटक गए। उनको पूरे यूपी में विभिन्न दलित और बौद्ध महापुरुषों के विशेष स्मारक बनवाने के लिए भी जाना जाता है।
फिलहाल सितारे ढलान पर
पूरे पाँच वर्ष शासन के पश्चात मायावती सन 2012 का चुनाव अपनी प्रमुख प्रतिद्विन्द्वी समाजवादी पार्टी से हार गयीं। उसके बाद से बसपा यूपी में वापसी नहीं कर सकी है। 2017 में तो उनकी पार्टी 403 में केवल 19 सीटें जीत सकीं है। 2018 में उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।
इन सबके बावजूद आज भी दलित उन्हें अपना आइकॉन मानते हैं और एक तबका है जो केवल मायावती का साथ देता है। मायावती की राजनीति को देखते हुए वह कब वापसी कर दें, इसका भी आकलन करना मुश्किल है।