दोष सिद्ध होने पर सिसोदिया को भुगतना होंगे राजनीतिक और कानूनी रूप से गंभीर परिणाम…!
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ACB की ओर से सिसोदिया को क्लासरूम घोटाला मामले में दूसरी बार समन भेजा गया है। इस बार सिसोदिया को 20 जून को एसीबी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले भी सिसोदिया को समन भेजा जा चुका है। जिसमें 9 जून को उन्हें पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन तब कुछ व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए सिसोदिया ने पेश होने से साफ इनकार कर दिया था। अब उन्हें एक बार फिर यह समन भेजा गया है। इस मामले में केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ हो चुकी है।
- करीब 2000 करोड़ रुपए के कथित घोटाला
- 12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण में अनियमितता का आरोप
- एसीबी के मुताबिक क्लासरूम के निर्माण में धांधली
- लागत को असामान्य रूप से बढ़ाया गया
- क्लासरूम्स को सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर के रूप में बनाया
- जिन ठेकेदारों को ठेका मिला था, उनके संबंध ‘आप’ पार्टी से था
दरअसल दिल्ली सरकार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े क्लासरूम घोटाले को लेकर दिल्ली की सियासत फिर गरमा गई है। जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
क्लासरूम घोटाले का मुख्य बिंदु
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12,748 क्लासरूम्स के निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप।
अनुमानित घोटाला राशि लगभग 2,000 करोड़ रुपये।
मुख्य आरोपी मनीष सिसोदिया पूर्व उप-मुख्यमंत्री, सत्येंद्र जैन पूर्व मंत्री।
घटनाक्रम
पहला समन
ACB ने सिसोदिया को 9 जून को पूछताछ के लिए बुलाया था। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से पेश होने से इनकार कर दिया।
दूसरा समन
अब उन्हें 20 जून 2025 को पेश होने के लिए कहा गया है। सत्येंद्र जैन से पूछताछ भी पूछताछ इस मामले में पहले ही पूछताछ की जा चुकी है।
आरोप क्या हैं?
लागत में भारी अंतर…एक क्लासरूम की लागत 24.86 लाख रुपये बताई गई। जबकि दिल्ली में इसी तरह की कंस्ट्रक्शन लागत लगभग 5 लाख रुपये होती है। क्लासरूम्स को सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया। जिससे गुणवत्ता पर भी सवाल उठे।
ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया…जिन ठेकेदारों को ठेका दिया गया, उनके ‘आप’ पार्टी से संबंध होने के आरोप। 30 अप्रैल 2025 को ACB ने दोनों नेताओं पर FIR दर्ज की थी।
अनियमितताएं…पद का दुरुपयोग…सरकारी नियमों की अनदेखी…लागत और डिज़ाइन में छेड़छाड़ के आरोप
अब आगे क्या?
ACB की जांच में सहयोग न देने पर सिसोदिया पर कड़ी कार्रवाई की संभावना। यदि दोष सिद्ध होता है, तो यह केस उनके लिए राजनीतिक और कानूनी रूप से गंभीर परिणाम ला सकता है। ( प्रकाश कुमार पांडेय)