विपक्ष को इस बात की आशंका है कि मणिपुर में वाकई जो घटनाएं घट रही हैं वो इंटरनेट सेवा बंद होने की वजह से पूरी तरह बाहर नहीं आ पा रही हैं। यही वजह है कि संयुक्त विपक्ष, इंडिया के 21 सांसद, मणिपुर गए हैं। वे स्थानीय मेतैई और कूकी समुदायों से अलग अलग चर्चा करेंगे। फिर रविवार को राज्यपाल अनुसूईया उइके से मिलकर उन्हें औपचारिक रूप से ज्ञापन सौंप कर सूबे में शांति बहाली के उपायों के साथ तुरंत कदम उठाने की मांग की जाएगी। रविवार शाम तक सांसदों का शिष्टमंडल दिल्ली लौट आएगा।
267 के तहत चर्चा पर अड़ा है विपक्ष
मणिपुर में मेतैई और कूकी समुदायों के बीच हो रहे खून खराबे के बीच सूबे की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। संयुक्त विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में मणिपुर मसले पर बयान और 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर पूरी तरह आक्रामक मुद्रा में है। ये बात अलग है कि केंद्र सरकार पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा। हंगामें के बीच ही संसद में एक के बाद एक विधेयक पारित हो रहे हैं। विधायी कार्य निपटाये जा रहे हैं।
सूचनाएं दबाई जा रही हैं
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि विपक्ष को लग रहा है कि सूचनाएं दबाई जा रही हैं,खासकर इंटरनेट बंद होने के कारण। उन्होंने कहा, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महिला कांग्रेस की टीम ने मणिपुर का दौरा किया है। हमें लगता है कि जानकारी को सेंसर किया जा रहा है। इंटरनेट आंशिक रूप से खुल गया है। सरकार न तो बात कर रही है और न ही प्रधानमंत्री बयान दे रहे हैं। राज्यसभा सांसद ने यह भी कहा कि विपक्ष क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए अपनी क्षमता से सब कुछ करेगा।
स्थिति से अवगत कराएगा दल
आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्थानीय लोगों से मुलाकात करेगा और देश को मणिपुर की स्थिति से अवगत कराएगा।टीम में कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई, जदयू से अनिल हेगडे, तृणमूल कांग्रेस से सुष्मिता देव, जेएमएम से महुआ माजी, डीएमके से कनिमोझी सहित करीब 21 सदस्य शामिल हैं। दौरे से पहले, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मणिपुर में हिंसा की सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।
हम मणिपुर के लोगों के साथ है
तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि विपक्षी प्रतिनिधिमंडल यह संदेश देना चाहता है कि वे मणिपुर के लोगों के साथ हैं। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि सूबे में शांति लौटे। आरएसपी नेता प्रेमचंद्रन ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य लगभग तीन महीने से चल रहे जातीय संघर्ष के बारे में फर्स्ट हैंड रिपोर्ट लेना जरूरी हो गया है ताकि शांति के उपायों पर विपक्ष सकारात्मक पहल कर सके। कुकी पहाड़ी जनजातियों और घाटी स्थित मेइती के बीच संघर्ष में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।