मणिपुर में लगभग दो माह से हिंसा और आगजनी की घटनाएं हो रहीं है। जिसके कारण अब तक करीब 131 लोगों की जाने चली गई हैं। जगह जगह सेना और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए है। शांति के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी हालात जानने के लिए मणिपुर के दौरे पर निकले हैं,लेकिन दावा किया जा रहा है कि उन्हे चुराचांदपुर स्थित राहत शिविरों में जाने से पुलिस ने रोक दिया है।
ये रही राहुल को रोकने की वजह
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि राहुल गांधी के काफिले को विष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है। पुलिस का कहना है कि हम आगे जाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। जबकि राहुल गांधी के अभिवादन के लिए लोग सड़क पर दोनों तरफ खड़े हुए हैं। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोक दिया। वहीं दूसरी तरफ इस मामले में पुलिस अधिकारी का कहना है कि रास्ते में हिंसा की आशंका है जिसके कारण काफिले को रोका गया है।विष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास राजमार्ग पर टायर जलाए गए है और काफिले पर पत्थर भी फेंके गए है। ऐसे में घटनाओं को दोहराने की आशंका है। इसलिए एहतिहात के तौर पर हमने राहुल गांधी के काफिले को विष्णुपुर में रुकने का अनुरोध किया है।बता दे कि इंफाल से करीब 20 किलोमीटर पहले विष्णुपुर जिले में राहुल के काफिले को रोका गया। पुलिस इलाके में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को देखते हुए उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दे रही है।
सर्वदलीय बैठक के बाद दौरे पर निकले थे राहुल
दरअसल हाल में मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसके बाद राहुल गांधी ने मणिपुर दौरे की योजना बनाई थी। तीन मई के बाद से जातीय हिंसा में घिरे पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस नेता की यह पहली यात्रा है। कांग्रेस ने राज्य की वर्तमान स्थिति के लिए भाजपा और उसकी विभाजनकारी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा कांग्रेस ने मांग की है कि राज्य के मुख्यमंत्री को तत्काल प्रभाव बर्खास्त करें और सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल को मणिपुर भेजें।
कांग्रेस का आरोप ट्रिपल समस्या वाली सरकार
नागालैंड के एआईसीसी प्रभारी अजय कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र की सरकार मणिपुर को खबरों से गायब कराने की कोशिश में है।जबकि कांग्रेस और राहुल गांधी देश का ध्यान मणिपुर पर केंद्रित कराना चाहती है। कांग्रेस नेता अजय कुमार ने दावा करते हुए कहा कि मणिपुर में अब तक करीब दो सौ लोगों की मौत हुई जबकि एक हजार से अधिक घर आग के हवाले कर दिए गए हैं। 7 सौ से अधिक मंदिर और गिरिजाघर तोड़ दिए गए है। मणिपुर में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची है। यह डबल इंजन की सरकार ट्रिपल समस्या वाली सरकार बन रही है।
प्रकाश कुमार पांडेय