मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने रविवार को गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ डेढ़ घंटे से लंबी बैठक के बाद इस्तीफा दे दिया। दिल्ली में बैठक गृहमंत्री अमित शाह के घर पर हुई थी। गृहमंत्री के घर से निकले ही बीरेन सिंह सीधे इंफाल लौटे और वहां पहुंचे ही राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया।
- मणिपुर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का इस्तीफा
- CM बीरेन सिंह ने दिया पद से इस्तीफा
- आज ही अमित शाह से मिले थे बीरेन सिंह
दरअसल मणिपुर में पिछले दो साल से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा का दौर जारी है। इसके साथ ही पार्टी विधायकों के असंतोष भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में रविवार को मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इंफाल के राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंपा।
राज्य में बीजेपी सरकार का नेतृत्व करने वाले एन बीरेन सिंह ने मौजूदा सियासी घटनाक्रम के बीच अपने पद से इस्तीफा दिया है। उनका इस्तीफा लंबे अर्से तक मणिपुर में अशांति और पार्टी के अंदरुनी विचार-विमर्श के बाद आया है।
इस्तीफे से पहले एन बीरेन सिंह ने करीब डेढ़ घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लंबी बैठक की। दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर हुई बैठक के बाद बीरेन सिंह सीधे वापस इंफाल गए। जहां इंफाल पहुंचते ही बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय भल्ला से मिलने का समय मांगा। राज्यपाल भल्ला ने शाम 6.15 का टाइम उन्हें दिया था। इसके बाद राज्यपाल अजय भल्ला से मिलकर बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दिया।
विधानसभा के सत्र से पहले दिया इस्तीफा
बता दें आज सोमवार 10 फरवरी से मणिपुर विधानसभा सत्र का बजट सत्र शुरू हो चुका है। कांग्रेस ने इस सत्र में अविश्वास प्रस्ताव दे रखा था। ऐसे मेंमाना जा रहा है कि इस्तीफा का बड़ा कारण कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव रहा है। दरअसल एनडीए में सहयोगी दल एनपीपी पीछे हट चुकी है । पार्टी के अंदरूनी नेता भी सीएम बीरेन सिंह के खिलाफ थे। भाजपा में अंदर और बाहर से दबाव के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इस्तीफे के लिए दोनो पक्षों की ओर से उन पर दबाव था। दरअसल सीएम रहते बीरेन सिंह पर आरोप था कि वे अपने मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा नहीं कर पाए। इस्तीफे से पहले पिछले एक सप्ताह के दौरान मणिपुर की राजनीतिक गतिविधियां तेज थीं।