आरएसएस पर बरसी ममता की ममता
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान के बाद सियासी तूफान आ गया है। ममता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सभी लोग बुरे नहीं हैं। इसमें कई लोग ऐसे भी हैं जो बीजेपी को सपोर्ट नहीं करते। ममता के इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हाना स्वभाविक था। और हुआ भी ऐसा ही । बयान को लेकर एआईएमआईएमए कांग्रेस और माकपा ने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है। उन्होंने इसे ममता का अवसरवाद करार दिया है। वहीं बीजेपी की ओर से कहा गया कि आरएसएस को ममता बनर्जी के सर्टिफिकेट कीआवश्यकता नहीं है। तो आरएसएस ने प्रशंसा पर किसी तरह की टिप्पणी करने से परहेज करते हुए उन्हें इसके बजाय बंगाल में राजनीतिक हिंसा के रिकॉर्ड की ओर इशारा किया। साथ ही इस पर नियंत्रण के उपाय करने की नसीहत दे डाली।
2003 में भी ममता ने की थी तारीफ
ममता बनर्जी के बयान पर सबसे पहली प्रतिक्रिया पहले विरोध आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जताई। जिन्होंने कहा 2003 में भी ममता बनर्जी ने आरएसएस को देशभक्त बताया था। इसके जवाब में आरएसएस ने ममता को दुर्गा करार दिसा था। हालांकि टीएमसी ने ओवैसी की प्रतिक्रिया को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। पार्टी को उनके यानी ओवैसी के समक्ष अपनी धर्मनिरपेक्षता साबित करने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस टिप्पणी पर विरोध जताते हुए कहा यह पहली बार नहीं है। मामता ने पहले भी आरएसएस की प्रशंसा की है। ममताए अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान एनडीए का हिस्सा रह चुकी हैं। उन्होंने 2003 के ओवैसी के ओर से दिए संदर्भ को दोहराया जब ममता ने आरएसएस के एक पुस्तक विमोचक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। चौधरी ने दावा किया कि ममता ने नागपुर स्थित आरएसएस के प्रति आभार भी जताया। कहा बीजेपी की वैचारिक संस्था है। अधीर रंजन ने कहा वे चुनावी लाभ पाने के लिए कभी हिंदू कट्टरपंथियों और कभी मुसलमानों की खुशामद करती हैं। बनर्जी का फिर से पर्दाफाश हो गया।
ममता संघ प्रोडक्ट
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजॉन चक्रवर्ती ने भी ममता बनर्जी को आडे़ हाथों लेते हुए कहा बंगाल की सीएम की इस टिप्पणी से वाम दलों के इस रुख की पुष्टि हो गई कि ममताए आरएसएस की प्रोडक्ट हैं। यह एक बार फिर साफ हो गया कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में उन्हें भरोसमंद नहीं माना जा सकता।