Mamta Kulkarni बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कुंभ में संन्यास लेकर सबको चौंकाया

ममता कुलकर्णी बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कुंभ में संन्यास लेकर सबको चौंकाया

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने आज महाकुंभ में संगम स्नान और पिंड दान के बाद किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा आज सुबह ही की थी। इसके साथ ही ममता कुलकर्णी अब यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएंगी। ममता एक दिन पहले ही महाकुंभ पहुंची थीं। पट्टाभिषेक से पहले ममता संगम स्नान और पिंड दान किया। स्नान के बाद यह भी साफ किया कि वह क्यों महामंडलेश्वर बन रही हैं। उन्होंने अपने महामंडलेश्वर बनने को मां काली का आदेश बताया।

किन्नर अखाड़ा: एक नया दृष्टिकोण
किन्नर अखाड़ा 2015 में स्थापित हुआ और यह मुख्यधारा के अखाड़ों से अलग है। यह अखाड़ा उन लोगों को स्वीकार करता है जो भौतिक जीवन और आध्यात्मिक जीवन को संतुलित तरीके से जीने की इच्छा रखते हैं। यहां पर व्यक्ति को कठोर तपस्या या पूर्ण वैराग्य अपनाने की आवश्यकता नहीं होती।

ममता कुलकर्णी ने साध्वी का रूप धारण कर महाकुंभ में कदम रखा। वे भगवा वस्त्रों में नजर आईं, गले में रुद्राक्ष की दो बड़ी मालाएं और कंधे पर भगवा झोला लिए हुए थीं। इस नए रूप ने उन्हें आध्यात्मिक पथ पर चलते हुए एक नई पहचान दी है।

किन्नर अखाड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक संगठनों में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यह समुदाय के उपेक्षित वर्ग को सामाजिक और धार्मिक सम्मान दिलाने का प्रयास करता है। ममता कुलकर्णी का इसमें शामिल होना न केवल अखाड़े के लिए बल्कि आध्यात्मिकता में उनकी व्यक्तिगत रुचि को भी दर्शाता है।

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