पुरानी संसद में रखी गईं महापुरुषों की प्रतिमाओं का स्थान बदले जाने को लेकर अब सियासत गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ल्लिकार्जुन खरगे और केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के बीच राज्यसभा में इसे लेकर गहमागहमी हो गई।
सभी मूर्तियों को उठाकर उनके चेंबर के बाहर रखवा दिया
दरअसल मल्लिकार्जुन खरगे ने पुराने संसद भवन में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर के साथ शिवाजी महाराज समेत 15 महापुरुषों की मूर्तियों की जगह बदले जाने का मुद्दा सदन में उठाया। खरगे ने जोर देकर कहा कि सभी मूर्तियों को उठाकर उनके चेंबर के बाहर रखवा दिया गया है। वे हर दिन घर पर उनके दर्शन करते ही हैं, लेकिन अब संसद की मूर्तियों को भी उनके गेट के सामने रखवा दिया गया। खरगे ने अपील करते हुए कहा उन मूर्तियों को उनकी पहले वाली जगह पर ही रखवा दिया जाए।
मूर्तियों को लेकर भिड़ गये खरगे – रिजिजू
राज्यसभा में खरगे ने कहा इन सभी महापुरुषों की मूर्तियों को उनकी जगह से हटा दिया गया है और पीछे एक कोने में रखावा दिया गया है। जिससे उन मूर्तियों को कोई देख नहीं सके। खरगे ने जोरदेकर कहा मूर्तियां लगवाने के लिए विपक्ष ने लंबी लड़ाई लड़ी थी।
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ इस मुद्दे को लेकर खरगे की बहस हो गई। रिजिजू ने भी कहा कि किसी भी महापुरुष का अपमान नहीं किया गया है। बल्कि सभी का सम्मान और अधिक बढ़ाया गया है। मंत्री रिजिजू ने कहा मल्लिकार्जुन खरगे यह आरोप लगा रहे हैं कि महापुरुषों की मूर्तियों को एक कोने में रख दिया गया है। उन्होंने कहा पुराना संसद भवन एक राउंड शेप में है। जहां कोई कोना है ही नहीं उसी गोलाकार संसद भवन में एक बेहद खूबसूरत जगह मूर्तियों के लिए की गई और बहुत ही सम्मान के साथ सभी मूर्तियों को वहां रखवाया गया है। देश का कोई भी नागरिक कोई भी जनता वहां जाकर एक जगह पर उन महापुरुषों के दर्शन कर सकती है। केन्द्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा किसी भी तरह से महान लोगों का अपमान नहीं किया गया। जिन्होंने देश आजादी दिलाई और देश को यहां तक पहुंचाया उनका अपमान नहीं किया गया। बल्कि सभी सम्मान किया है। सम्मान करने के तरीके को और बढ़ा दिया गया है।
मंत्री की इस बात पर भी खरगे नहीं माने और कहा कि सभी मूर्तियां जिनको पीछे रख दिया गया है। उनको उनकी पहले वाली जगह ही सम्मान के साथ रख दिया जाए। उन्होंने कहा कि आप अगर इन महापुरुषों की मूर्तियों का अपमान करेंगे तो यह 50 करोड़ SC और ST के साथ वंचित ही नहीं दलित और अल्पसंख्यकों का अपमान माना जाएगा।