24 साल के बाद आखिरकार कांग्रेस को ऐसा अध्यक्ष मिला है जो गांधी परिवार से नहीं है। आज वोटों की गिनती में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6825 वोटों से हरा दिया। खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं शशि थरूर को 1072 वोट ही मिले। 416 वोटों को रिजेक्ट कर दिया गया। खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी है।
खड़गे की जीत पर ये बाेले राहुल
वोटिंग के दौरान अनियमितताओं की बातें भी सामने आईं। इस पर राहुल गांधी ने कहा- इस मामले को कांग्रेस इलेक्शन कमेटी में मधुसूदन मिस्त्री के सामने रख दिया है और वो फैसला लेंगे। राहुल ने वोटों की गिनती के बीच ही खड़गे की जीत की बात कह दी थी। जब उनसे पार्टी में रोल के बारे में सवाल किया गया तो कहा- खड़गेजी से पूछिए। अब वही तय करेंगे।
शशि थरूर ने स्वीकारी हार, किया ये ट्वीट
It is a great honour & a huge responsibility to be President of @INCIndia &I wish @Kharge ji all success in that task. It was a privilege to have received the support of over a thousand colleagues,& to carry the hopes& aspirations of so many well-wishers of Congress across India. pic.twitter.com/NistXfQGN1
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 19, 2022
अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता
इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे नेता बन गए हैं। इससे पहले बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे। आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही। इधर, जीत के बाद खड़गे ने बताया कि वे शाम 4 से साढ़े 4 बजे के बीच मीडिया से बात करेंगे।
वोटिंग को लेकर शिकायत
काउंटिंग के दौरान शशि थरूर के चीफ इलेक्शन कैंपेनर सलमान सोज ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में वोटिंग से पहले, पोलिंग के दौरान और वोटिंग के बाद गड़बड़ियों का आरोप लगाया था। सोज ने कहा था कि उन्होंने इस बारे में पार्टी के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को बता दिया है। राहुल गांधी तक भी ये बात पहुंची थी।
आखिरी बार कब हुआ था कांग्रेस में वोटिंग से चुनाव?
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार सन् 1998 में वोटिंग हुई थी। उस दौर में सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद को महज 94 वोटों ही मिल सके थे। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली थी, पर राहुल के इंकार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई।