महाराष्ट्र में भी विपक्ष सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है। महाराष्ट्र के महायुती सरकार ने एकनाथ शिंदे के समय लागू की गई कई योजनाओं को बंद करने का फैसला लिया है। ऐसे में शिंदे सरकार के वक्त की कई योजनाओं पर ताला लगने की आशंका बढ़ गई है। एकनाथ शिंदे सरकार के समय की कई योजनाओं पर काले बादल मंडरा रहे हैं। इस फैसले की वजह दरअसल सरकारी खजाने पर पड़ने वाले भार को बताया जा रहा है। महायुति के इस फैसले से राज्य का सियासी पारा गर्म गया है।
- महाराष्ट्र में आनंद शिधा’ योजना बंद
- सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ रहा
- त्यौहारी सीजन में लाभान्वित हुए थे 1.63 करोड़ लोग
- लाडली बहना योजना के चलते कई योजनाएं की स्थगित
महायुति सरकार की लोकप्रिय योजना ‘आनंद शिधा’Anandacha Shidha को अब बंद कर दिया गया है। एकनाथ शिंदे Eknath Shinde के सीएम बनने के बाद यह योजना शुरू की गई थी। यह योजना शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के नाम पर प्रारंभ की गई थी। इस योजना के जरिए त्यौहारी सीजन के दौरान महाराष्ट्र में 1 करोड़ 63 लाख लोग लाभान्वित हुए थे। लेकिन अब मौजूदा देवेंद्र फडणवीस Devendra Fadnavis सरकार के खजाने पर बढ़ते दबाव के चलते आनंदा राशन योजना को स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल महाराष्ट्र में महायुती की सरकार ने अपने गठन के साथ ही एकनाथ शिंदे का कद कम करने की कोशिश शुरु कर दी थी। पहले तो उन्हें मन मुताबिक विभाग नहीं मिला। एकनाथ शिंदे की महाराष्ट्र का फिर से मुख्यमंत्री बनने की चाहत भी अधूरी रह गई। उनके करीबियों को तमाम सरकारी पदों से हटा दिया गया। अब शिंदे सरकार के समय लिए गए कई फैसलों पर महायुती सरकार ताला लगाने जा रही है। इसकी वजह दरअसल राज्य सरकार के खजाने पर बढ़ता बोझ बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सरकार का खजाना इस समय खाली हो रहा है। ऐसे में इन योजनाओं में आनंद चा राशन योजना, ₹10 की शिव भोजन थाली योजना, बालासाहेब दवाखाना योजना, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा योजना शामिल है। जिस पर अगले कुछ दिनों में ब्रेक लग सकता है। माना जा रहा है कि यह जो योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएंगी। इन योजनाओं का ऐलान शिंदे सरकार के कार्यकाल के दौरान किया गया था।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इन योजनाओं का ऐलान किया था। हालांकि चुनाव जीतने के बाद महागठबंधन सरकार ने इन योजनाओं की समीक्षा की है और राज्य के वित्तीय खजाने पर दबाव और बढ़ते भर के चलते संकेत हैं कि यह योजनाएं केवल कागजों तक की सीमित रह जाएंगी। विशेष तौर पर आनंद चा राशन योजना, जिसे दशहरा, दिवाली, गणेश उत्सव, गुड़ी पड़वा और शिव जयंती जैसे पर्व पर लागू किया गया था। इस योजना को इस साल फंड नहीं मिला है।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से शुरू की गई ₹10 की शिव भजन योजना को एकनाथ शिंदे सरकार ने जारी रखा था, हालांकि इस योजना के लिए भी इस बार कोई फंड जारी नहीं किया गया है। इससे मुमकिन है कि राज्य में कई जगहों पर शिवा भोजन केंद्र बंद हो सकते हैं। इसी तरह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निशुल्क तीर्थ योजना भी बंद होने की कगार पर है। इस योजना के लिए भी महायुद्ध सरकार में बजट आवंटित नहीं किया गया है। इसलिए इस योजना के भी बंद होने की संभावना नजर आ रही है। एसएमएस शिंदे सरकार की योजनाओं को पैसे नहीं मिलने से राज्य में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है।….प्रकाश कुमार पांडेय