महाशिवरात्रि इस बार 26 फरवरी को मनाई जाएगी। प्रयागराज के महाकुंभ में भी साधु संत और श्रद्धालु इस दिन छठवां और धार्मिक समागम महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान करेंगे। पहले जान लेते हैं इस दिन स्नान का शुभ मूहूर्त का स्नान महत्व क्या है। इस दिन स्नान के साथ और कौन से काम करने पर भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होगी।
- महाकुंभ के शेष अमृत स्नान
- गंगा-यमुना और सरस्वती के पावन संगम के तट पर अमृत स्नान
- अमृत स्नान के साथ खत्म होगा दुनिया का सबसे बड़े धार्मिक मेला
- प्रयागराज महाकुंभ 26 फरवरी को होगा खत्म
- महाशिवरात्रि प्रयागराज महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व
- शिवरात्रि स्नान पर्व के साथ लौटेंगे कुंभ क्षेत्र में रुके संत और कल्पवासी
- कुंभ में महाशिवरात्रि की महिमा माना जाता है बेहद महत्वपूर्ण
- भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का किया था पान
- देवताओं को सुलभ हो सका था अमृत
बता दें कि महाकुंभ के शेष चार स्नानों में दो अमृत स्नान होंगे। बाकी के 2 पर्व स्नान होंगे। पहला पर्व स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी और दूसरा पर्व स्नान 12 फरवरी माघ पूर्णिमा पर किया जाएगा। जबकि महाकुंभ का सबसे बड़ा और अहम स्नान माघ मास की अमावस्या के दिन किया जाएगा। धर्म शास्त्रों में इसे माघी और मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस साल मौनी अमावस्या बुधवार 29 जनवरी को मनाई जाएगी। यह अमृत स्नान तीनों स्नान में सबसे प्रमुख स्नान होगा। बता दें महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नाान महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी के दिन किया जाएगा। जिसके बाद 45 दिन से चल रहे महाकुंभ पर्व का भी समापन हो जाएगा।
महाकुंभ हिंदुओं के सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। यह धार्मिक समागम हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। इस समागम को बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन, नासिक, हरिद्वार और प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। इस बार महाकुंभ का महाआयोजन तीर्थ राज प्रयागराज में हो रहा है। जिसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर होगा।
महाकुंभ के समागम पर छह अमृत स्नान में से अब तक मकर संक्राति के मौके पर ही अमृत स्नान किया गया है। पौष पूर्णिमा से शुरू अमृत स्नान महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होंगे। यही नहीं इस दिन अंतिम अमृत स्नान के साथ ही 45 दिनों चलने वाले महाकुंभ के धार्मिक आयोजन की भी समाप्ति होगी। महाकुंभ के छठवें और महाशिवरात्रि पर किए जाने वाले अमृत स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है।
इस दिन शुभ मूहूर्त में स्नान के साथ-साथ और कौन से काम करने पर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होगी।
महाशिवरात्रि पर अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को महाकुंभ में साधु संत और श्रद्धालु छठवां और धार्मिक समागम का अंतिम अमृत स्नान करेंगे। महाशिवरात्रि पर अमृत स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 9 मिनट पर शुरू होगा। वहीं यह मुहूर्त 5 बजकर 59 मिनट पर पूरा भी हो जाएगा। इस दिन स्नान के साथ ही महादेव की विशेष पूजा और अभिषेक का भी विधान शास्त्रों में वर्णित है। साथ ही इस दान करने से भी महादेव प्रसन्न होते हैं। इस दिन दान करना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। इस त्योहार को सबसे अधिक पवित्र भी माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन होता है। हिंदू धर्म शास्त्रों मेंं महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के जल से अभिषेक करना बहुत ही अहम माना गया है। जो भी भक्त इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजन, व्रत आदि करते हैं भगवान भोलेनाथ उस पर कृपा बरसाते हैं और विशेष कृपा करते हैं।