महाशिवरात्रि 2025: जानें किन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है महाशिवरात्रि का उल्लेख..!

Mahashivratri 2025 Mention of Mahashivratri in religious texts

महाशिवरात्रि का उल्लेख विभिन्न हिन्दू ग्रंथों, पुराणों और अन्य हिन्दू धर्मग्रंथों में मिलता है। ये ग्रंथ इस पवित्र रात्रि की महिमा, इसके महत्व और इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं को बताते हैं। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि का वर्णन किन –किन वैदिक ग्रंथों में मिलता है।

ऋग्वेद

ऋग्वेद में शिव को “रुद्र” के रूप में वर्णित किया गया है। “नमस्ते रुद्र मन्यव उतो त इषवे नमः” इसमें शिव की स्तुति की गई है। शिवरात्रि से जुड़े रुद्राष्टाध्यायी का उल्लेख भी वैदिक काल में मिलता है। जिसमें भगवान शिव की विशेष पूजा करने की विधि दी गई है।

यजुर्वेद

• यजुर्वेद में “श्री रुद्र” और “शतरुद्रीय” मंत्रों का उल्लेख है, जो भगवान शिव को समर्पित हैं।
• “ॐ नमो भगवते रुद्राय” मंत्र का जप महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से किया जाता है।
• यजुर्वेद में बताया गया है कि शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

अथर्ववेद

• अथर्ववेद में भगवान शिव को “महादेव”, “भूतनाथ” और “त्र्यम्बक” कहा गया है।
• इसमें महाशिवरात्रि को आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का पर्व माना गया है।
• “त्र्यंबकम यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्” (मृत्युंजय मंत्र) का उल्लेख भी इस वेद में किया गया है, जिसे शिव पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

वेदों के अलावा पुराणों में भी महाशिवरात्रि का उल्लेख मिलता है। पुराणों में शिवपुराण, स्कन्द पुराण, लिंग पुराण,पद्म पुराण में मिलता है।

शिव पुराण

• शिव पुराण में महाशिवरात्रि की महिमा का विस्तार से वर्णन है।
• इसमें बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा, उपवास और रात्रि जागरण करने से सभी पापों का नाश होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
• शिव पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान शिव रात्रि के चार प्रहरों में विशेष रूप से पूजनीय होते हैं।

स्कंद पुराण

• स्कंद पुराण में कहा गया है कि महाशिवरात्रि व्रत करने से मनुष्य को सात जन्मों तक पुण्य प्राप्त होता है और वह शिवलोक को प्राप्त करता है।
• इस ग्रंथ में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है और इसे “मोक्षदायिनी रात्रि” कहा गया है।

लिंग पुराण

• लिंग पुराण में शिवलिंग की पूजा का महत्व बताया गया है और शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र, जल, दूध, और धतूरा चढ़ाने की परंपरा का उल्लेख मिलता है।
• इसमें बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को शिवलोक की प्राप्ति होती है।

पद्म पुराण

• पद्म पुराण में शिवरात्रि की रात को महान रात्रि (परम पवित्र रात्रि) कहा गया है।
• इसमें बताया गया है कि जो व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• इस ग्रंथ में शिव और पार्वती के विवाह का भी वर्णन है, जो महाशिवरात्रि का एक प्रमुख कारण माना जाता है।

वेदों और पुराणों के बाद भारत के दो महाकाब्यों रामायाण और महाभारत में भी महाशिवरात्रि का उल्लेख मिलता है।

महाभारत

• महाभारत के अनुशासन पर्व में भगवान कृष्ण स्वयं युधिष्ठिर को शिवरात्रि व्रत का महत्व बताते हैं।
• इसमें कहा गया है कि जो भक्त शिवरात्रि पर उपवास करता है और पूरी रात शिव की भक्ति में लीन रहता है, वह अपने समस्त पापों से मुक्त हो जाता है।

रामायण

• रामायण में उल्लेख है कि भगवान श्रीराम ने भी महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना की थी।
• उन्होंने शिवलिंग की स्थापना कर “रामेश्वरम” में भगवान शिव की पूजा की थी।
• इसलिए यह पर्व भगवान शिव के प्रति भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

महाशिवरात्रि का उल्लेख विभिन्न वेदों, पुराणों और महाकाव्यों में मिलता है। इसके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है। यह पर्व भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने, आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए विशेष माना जाता है।

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