महाराष्ट्र—झारखंड विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए आसान नहीं यह चुनावी रण…कांग्रेस को देना होगी फिर अग्निपरीक्षा

महाराष्ट्र—झारखंड विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए आसान नहीं यह चुनावी रण…कांग्रेस को देना होगी फिर अग्निपरीक्षा

कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे फार्मूले के पक्ष में है तो हेमंत सोरेन लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन को आधार बनाने की हिमायत कर रहे। इसमें झामुमो को फायदा और कांग्रेस को चार-पांच सीटों का नुकसान होगा। हालांकि हेमंत सोरेन की पिछले हफ्ते कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई बैठक में पार्टी की ओर से पुराने फॉर्मूले पर टिके रहने का संदेश दिया गया था।

13 और 20 नवंबर को दो चरण में झारखंड में मतदान
20 नवंबर को महाराष्ट्र में मतदान,23 को नतीजे
हरियाणा की हार कांग्रेस को करेगी परेशान
महाराष्ट्र झारखंड में टिकट वितरण पर रार

महाराष्ट्र के साथ झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के साथ ही सियासी दलों की गहमागहमी की गति बढ़ती नजर आ रही है। नए सियासी ट्रैक पर सियासी दल बढ़ने लगे हैं। केंद्र की सत्ता में भाजपा-एनडीए ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की कामयाबी के टॉनिक का सेवन कर लिया है, जिससे उत्साह बढ़ा हुआ है। अब महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में यह उत्साह बनाए रखने में एनडीए कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

दोहरी चुनौती का सामना कर रही कांग्रेस
वहीं कांग्रेस की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में आईएनडीआईए की जीत भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की इस अप्रत्याशित हार के सदमे की भरपायी करती नजर नहीं आई। ऐसे में इंडी गठबंधन की अगुवाई करने वाली कांग्रेस के सामने हरियाणा में मिले सियासी सदमे से बाहर निकलकर जीत की राह पर लौटने के साथ ही साथ विपक्ष की राजनीति को डांवाडोल होने से बचाने की भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस के सामने यह दोहरी चुनौती है क्योंकि इन दोनों चुनावी राज्य महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस गठबंधन के साथियों के साथ चुनाव मैदान में नजर आएगी। जहां सहयोगी दलों से सामंजस्य बैठाने की जिम्मेदारी भी कांग्रेस के कंधे पर ही है।

कांग्रेस की तोलमोल की शक्ति खत्म,अग्नि परीक्षा शुरु
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कांग्रेस की सबसे पहली सियासी अग्निपरीक्षा इन दोनों राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर होगी। महाराष्ट्र के साथ झारखंड में कांग्रेस के सामने गठबंधन की चुनौतियां अलग-अलग हैं। महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं के कांग्रेस हाईकमान ने सोमवार को बैठक की थी। जिसमें राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से 90 प्रतिशत सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाए जाने का दावा किया गया। हालांकि यह भी सच्चाई है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस की वार्गनिंग की ताकत कम हुई है। महाराष्ट्र में जातीय-सामाजिक समीकरण की जमीनी हकीकत के अनुसार महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार के दल के नेता कई सीटों का बंटवारा नई परिस्थितियों के अनुसार करना चाहते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Exit mobile version