महाराष्ट्र में फिर शुरु होगी सियासी महाभारत …चार माह बाद विधानसभा चुनाव, इससे पहले पलटी मारेंगे शिवसेना और NCP के ये विधायक…!

Maharashtra Assembly Elections NCP Eknath Shinde Shiv Sena BJP Ajit Pawar

लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए को महाराष्ट्र में करीब 24 लोकसभा सीटों का नुकसान हुआ है। जिससे बीजेपी ही नहीं राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी में बेचैनी नजर आने लगी है। एनडीए गठबंधन को यह डर सता रहा है कि अगर लोकसभा चुनाव का ट्रेंड आगे भी जारी रहता है तो अगले चार महिने ेबाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है। इसी बीच शिंदे और अजित गुट के करीब 15 से 20 विधायक ऐसे हैं जो घर-वापसी की राह तलाशते नजर आ रहे हैं।

एनसीपी के मंत्री छगन भुजबल के साथ शिंदे गुट से मंत्री अब्दुल सत्तार ने इस तरह के संकेत भी दिए हैं। वहीं मोदी कैबिनेट में एनसीपी को स्थान न मिलने से अजित पवार गुट में भी असंतोष नजा आने लगा है। बता दें महाराष्ट्र में इसी साल अक्टूबर माह में राज्य विधानसभा के चुनाव होना हैं। पिछली बार 2019 में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन था। उस समय विधानसभा की 288 में से बीजेपी 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। बीजेपी ने शिवसेना तोड़कर महाराष्ट्र में अपनी सरकार भी बना ली थी। अब शिवसेना के 56 में से करीब 42 विधायक एकनाथ शिंदे और 14 उद्धव ठाकरे के साथ हैं। वहीं एनसीपी के 54 विधायकों में से 40 विधायक अजित पवार तो 14 विधायक शरद पवार गुट के साथ हैं।

घटक दलों में विधानसभा सीट शेयरिंग पर विवाद!

सूत्रों की माने तो विधानसभा का कार्यकाल अब चार महीने ही बचा है। ऐसे में शिंदे और अजित गुट के विधायक फिलहाल तो दल नहीं बदलेंगे। वे अगले चार महीने तक सत्ता में ही रहेंगे और सत्ता में रहकर अपने क्षेत्र के लिए सरकार से बड़ा फंड हासिल करेंगे। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव जब करीब आएंगे तब यह दल-बदल कर सकते हैं।

सीट शेयरिंग पर विवाद

महाराष्ट्र में अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी महाराष्ट्र विधानसभा की 288 में से 170 या 180 सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं शिंदे और अजित गुट किसी भी सूरत में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं होंगे।

शिवसेना सांसद को नहीं मिला मोदी कैबिनेट में स्थान

मोदी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने से शिवसेना शिंदे गुट में नाराजगी है। उनके नेता इससे नाराज हैं। शिवसेना शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा हम कैबिनेट में जगह की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने कहा चिराग पासवान के पांच सांसद हैं। उन्हें भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। जबकि सात लोकसभा सीट मिलने के बाद भी हमें सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला है। शिवसेना को कम से कम कैबिनेट मंत्री का पद मिलना चाहिए था।

लोकसभा में 288 विधानसभा क्षेत्रों में से 150 पर इंडिया गठबंधन ने बनाई बढ़त

महाराष्ट्र में पार्टी तोड़ने से इस बार लोकसभा चुनाव में शरद और उद्धव के गुट को लोगों की सहानुभूति मिली है। लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डाले तो महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों क्षेत्रों में से करीब 150 सीट पर इंडिया गठबंधन का वोट प्रतिशत ज्यादा रहा है। इसी बीच शरद पवार ने भी अजित पवार के करीब तीस विधायकों को टार्गेट करते हुए उनके खिलाफ इस बार मजबूत प्रत्याशी तय किए हैं। माना जा रहा है कि अजित पवार गुट के कुछ विधायक शरद पवार के पास लौटना चाहते हैं। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही अजित पवार की बैठक में करीब पांच विधायक गैरहाजिर भी रहे थे।

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