महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हरियाणा का बहुत जिक्र महाविकास अघाड़ी के लिए एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को अच्छी जीत मिली थी। लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कैंडिडेट्स को चुनने में जिस तरह के मतभेद दिखे, उससे ऐसी आशंका बढ़ती नजर आने लगी है कि कहीं हरियाणा जैसा हाल न हो जाए। अति-आत्मविश्वास में नुकसान न हो जाए। माना जाता है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में यही हुआ था। कुमारी सैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा के बीच आपसी कलह का चुनाव में गलत संदेश गया। चुनाव में कांग्रेस के अपने ही बागी इतने खड़े हो गए कि कई विधानसभा सीटें हराने की वे वजह बन गए। अब यही डर महाराष्ट्र में भी सताने लगा है।
- महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव और हरियाणा का जिक्र
- महाविकास अघाड़ी और महायुति के लिए बड़ी चुनौती
- अति आत्मविश्वास में हुआ था महाराष्ट्र में कांग्रेस को नुकसान
- इस बार दोनों ही गठबंधन को नुकसान का सता रहा डर
- चुनाव मैदान में उतरे दोनों गठबंधन के कई बागी नेता
- महाविकास अघाड़ी के 286 कैंडिडेट्स ने दाखिल किया नामांकन
- महायुति गठबंधन से कुल 284 नामांकन दाखिल
- नाम वापस लेने आखिरी तारीख 4 नवंबर
हालांकि इस बार चुनाव में घाटा किसी का भी और किसी को भी हो सकता है। यानी महायुति और एमवीए दोनों ही बागियों और आपसी कलह से जुझ रहे हैं। बुधवार को नामांकन का अंतिम दिन था। अब तक चुनाव में कुल मिलाकर 150 बागी मैदान में आ चुके हैं। यह बागी दोनों ही गठबंधन महायुति और एमवीए के लिए सिरदर्द बन सकते हैं। अब इन बागियों को राजी करने के लिए कुछ ही दिन का ही समय बचा है क्योंकि 4 नवंबर नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है। इसके चलते माना जा रहा है कि बढ़त वही गठबंधन बनाएगा जिसके बागियों की संख्या कम होगी।
फिलहाल कोई भी इस प्रयास में ज्यादा सफल होता नहीं दिख रहा है। BJP नेतृत्व वाले महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के नेताओं का कहना है कि उन्होंने विधानसभा की सभी 288 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार महाविकास अघाड़ी MVA के 286 कैंडिडेट्स ने नामांकन दाखिल किया है। जिनमें 103 कांग्रेस के हैं तो वहीं 96 उद्धव गुट के हैं। 87 उम्मीदवार एनसीपी-शरद पवार गुट के हैं। अब BJP नेतृत्व वाले महायुति की बात की जाए तो इस ग गठबंधन से कुल 284 नामांकन दाखिल किए गए हैं। महायुति के दो दल पांच विधानसभा सीट पर आमने-सामने हैं। इसके अतिरिक्त दो सीट पर प्रत्याशी ही नहीं उतारे जा सके। BJP को भी इसके चलते चुनाव में परेशानी हो रही है।
बागी होकर चुनाव लड़ रहे गोपाल शेट्टी
मुम्बई की बोरिवली विधानसभा जैसी सीट पर BJP के गोपाल शेट्टी बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि पार्टी की ओर से संजय उपाध्याय को उतारा है। इसी तरह नांदगांव विधानसभा सीट से निर्दलीय के तौर पर समीर भुजबल ने नामांकन दाखिल कर दिया है। समीर छगन भुजबल के भतीजे हैं।
कई सीट पर आमने-सामने उद्धव सेना और कांग्रेस
विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र में पहले ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना उम्मीदवार उतार चुकी है। विधायक सुहास कांडे चुनाव के मैदान में हैं। दोनों गठबंधनों के वरिष्ठ नेताओं की माने तो बागियों का उतरना एक चुनौती रहेगी। फिर भी दोनों गठबंधन की तरफ से कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं।
नाम वापस लेने आखिरी तारीख 4 नवंबर
नाम वापस लेने आखिरी तारीख 4 नवंबर है। नाम वापसी के बाद ही कहा जा सकेगा कि किस गठबंधन को चुनाव में कितने नुकसान की आशंका है। कितने बागी चुनाव में उतरे हैं। नवाब मलिक भी शिवाजीनगर विधानसभा सीट से उतर गए हैं। यह भी एक मुश्किल है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)