महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड के साथ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होना हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग के साथ राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की। जहां एनडीए ने सीट बंटवारे की कवायद भी शुरू कर दी है। गठबंधन के तीन प्रमुख दल हैं, बीजेपी, एनसीपी अजित गुट और शिवसेना शिंदे गुट ने किसे कितनी सीट मिलेगी, कितनी संख्या होगी, इससे पहले सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला तय किया है। बताया जा रहा है कि एनडीए में अब इसी फॉर्मूले के आधार पर विधानसभा चुनाव में तीनों दल जिलेवार अपने लिए सीटों का बंटवारा करेंगे।
- महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड विधानसभा चुनाव
- केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव
- चुनाव आयोग के साथ राजनीतिक पार्टी की तैयारियां तेज
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी में एनडीए
- एनडीए ने सीट बंटवारे की कवायद भी की शुरू
- गठबंधन में हैं तीन प्रमुख दल
- बीजेपी, एनसीपी अजित गुट और शिवसेना शिंदे गुट
- एनडीए ने सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला तय किया
- सीट शेयरिंग में रखा जाएगा क्षेत्र का ध्यान
- कोंकण और मुबई में शिवसेना शिंदे मजबूत
- अजित पवार की एनसीपी मराठवाड़ा ताकतवर
- बीजेपी को विदर्भ के साथ उत्तर महाराष्ट्र और मुंबई में मजबूत
यह है सीट बंटवारे का फॉर्मूला
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में पहली बार सीट बंटवारे का फॉर्मूला सामने आया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने बताया बंटवारे का फॉर्मूला सीट के अनुसार तय किया गया है। जिन सीटों पर जिस दल के पास चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार होंगे वे सीट संबंधित दल को मिलेगी। अजित पवार ने बताया जिताऊ फॉर्मूला ही मौजूदा सीटों पर भी लागू माना जाएगा। जिन सीट पर किसी दल के वर्तमान विधायक चुनाव जीतने में सक्षम नहीं हैं उस सीटों पर प्रत्याशी बदले जाएंगे।
सीट शेयरिंग को लेकर पहले चरण की बातचीत पूरी हो गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि सीट शेयरिंग में क्षेत्र का भी पूरी ध्यान रखा जाएगा। यानी कोंकण और मुबई में शिवसेना शिंदे चुनाव से पहले मजबूत नजर आ रही है, तो इन क्षेत्रों में शिंदे की पार्टी को ही अधिक सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।
वहीं अजित पवार की पार्टी एनसीपी पश्चिमी यूपी से लगी सीटों और मराठवाड़ा की अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। उधर बीजेपी को विदर्भ के साथ उत्तर महाराष्ट्र और मुंबई की ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।
कितनी सीट..कितनी सीट पर दावेदारी?
महाराष्ट्र में बीजेपी के मौजूदा विधायकों की संख्या 105 है। जबकि बीजेपी के स्थानीय नेता चाहते हैं कि 160 से 170 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा जाए। इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना की ओर से हाल ही में करीब 93 विधानसभा सीटों पर अपने पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर दिये गये हैं। एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के पास फिलहाल 40 विधायक हैं। उधर अजित पवार की पार्टी के पास वर्तमान में तो 42 विधायक हैं, लेकिन उसकी दावेदारी 90 सीटों पर है। इन तीनों पार्टियों की दावेदारी को जोड़ें तो यह 350 के आसपास निकलता है, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सीट ही 288 हैं। इस के साथ् ही तीन छोटे दलों को भी गठबंधन में समाहित करना है।
चर्चा यह भी है कि गठबंधन में शामिल दलों के पास जितने विधायक हैं। उससे डेढ़ गुना अधिक सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकती है। जैसे अजित पवार की पार्टी एनसीपी के पास 40 विधायक हैं। अजीत पवार को करीब साठ विधानसभा सीट पर लड़ने का मौका मिल सकता है।
बीजेपी 155 पर लड़ सकती है चुनाव
फॉर्मूले के आधार पर सामने आ रहा है कि 105 सीटों वाली बीजेपी 155 सीटों पर लड़ सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा की बाकी सीटों को छोटी और दूसरी पार्टियों को ऑफर दिया जा सकता है।
बता दें महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीट हैं। जहां पर सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 सीट हैं। किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 सीटों पर जीत हासिल करना जरूरी है।
एनडीए में ये दल हैं शामिल
महाराष्ट्र में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ही नहीं डिप्टी सीए अजित पवार की अध्यक्षता वाली एनसीपी भी शामिल है। इस 3 बड़ी पार्टियों के अलावा महाराष्ट्र में बच्चू कड्ड की प्रहार जनशक्ति पार्टी और महादेव जांकर की राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी के साथ रामदास अठावले की आरपीआई भी है। हालांकि आरपीआई के अतिरिक्त सभी दलों के पास महाराष्ट्र विधानसभा में वर्तमान में संख्याबल है।
2019 के चुनाव में बदली तस्वीर थी
विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर बात की जाए तो 2019 के चुनाव में बीजेपी संयुक्त शिवेसना के साथ मिलकर मैदान में उतरी थी। बीजेपी ने जहां महाराष्ट्र की 152 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे तो शिवसेना के लिए उसने 124 विधानससभा सीटें छोड़ी थीं। उधर अजित पवार उस समय शरद पवार के साथ एनसीपी में थे। एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन था। दोनों मिलकर मैदान में उतरे थे। 2019 में एनसीपी को 121 सीट चुनाव लड़ने के लिए मिली थीं। वहीं छोटी पार्टियों की बात करें तो प्रहार जनशक्ति पार्टी ने विधानसभा की 26 सीटों पर और राष्ट्रीय समाज पक्ष ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।