महाराष्ट्र में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अभी राज्य में शिवसेना और महायुति गठबंधन वाली सरकार है एकनाथ शिंदे सीएम हैं। विपक्ष में महाविकास अघाड़ी गठबंधन है। जिसका नेतृत्व पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। अब राज्य के आसमान में चुनावी फिजा तैरने लगी है। इस बीच शिवसेना और महायुति गठबंधन को बड़ा झटका लगने की संभावना नजर आ रही है। दरअसल शिवसेना और महायुति गठबंधन में शामिल एनसीपी और उसके मुखिया अजित पवार को अब चाचा शरद पवार से दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही है। फिलहाल अजित पवार राज्य के डिप्टी सीएम हैं, लेकिन वे बार बारअपनी चाचा शरद पवार के पास जाने के संकेत दे रहे हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी को उतने वोट नहीं मिले थे, ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले वे पाला बदल सकते हैं।
- महाराष्ट्र में होंगे साल के अंत में विधानसभा चुनाव
- शिवसेना और महायुति गठबंधन वाली है सरकार
- एकनाथ शिंदे सीएम हैं
- विपक्ष में महाविकास अघाड़ी गठबंधन
- पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी चुनावी तैयारी में जुटे
- शिवसेना और महायुति गठबंधन को लग सकता है बड़ा झटका
- अजित पवार को अब आने लगी चाचा शरद पवार की याद
- फिलहाल अजित पवार हैं राज्य के डिप्टी सीएम
- बार बार चाचा शरद पवार के पास जाने के दे रहे संकेत
- विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदल सकते हैं अजित पवार
एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के एनडीए से अलग होने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही है। माना जा रहा है कि उनके ठगंधन से अलग होने का समय नजदीक आ रहा है। अजित ने कुछ दिन पहले ही इसके लिए पोजिशनिंग शुरू कर दी थी। अब अजित उन तर्कों को दोहराने भी लगे हैं। जिनको आधार बना कर वे एनडीए गठबंधन से अलग होने पर विचार कर रहे हैंं।
माना जा रही है कि अजित पवार एनडीए का साथ छोड़कर वापस अपने चाचा शरद पवार के पास लौट सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेता भी इस तरह की पोजिशनिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। बीजेपी नेताओं ने भी आरएसएस के विचारकों और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के नेताओं की नाराजगी को बहाना बनाना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि अजित पवार को अब गठबंधन से दूर हो जाना चाहिए।
मंच सज गया है, पटकथा भी लिखी जा चुकी है
यानी कुल मिला कर मंच सजने लगा है, नेता तैयार हैं। ऐसा लगने लगा है कि कथा और पटकथा भी पूरी तरह से लिखी जा चुकी है। अब पटकथा की अंतिम पंक्तियां लिखी जाना शेष है, परफॉरमेंस की बारी आ गई है। यह परफॉरमेंस महाराष्ट्र में कभी भी शुरू हो सकता है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कुछ दिन पहले कहा था कि उन्होंने अपने चाचा की पार्टी एनसीपी को तोड़ कर बड़ी गलती की। जबकि इससे पहले अजित ने कहा था कि उन्होंने अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाकर भी एक बड़ी गलती की थी। अब अजित पवार कहते हैं एनसीपी और पवार परिवार तोड़ना उनकी बड़ी गलती थी। क्योंकि समाज इसे बहुत अच्छा नहीं मानता है।
अब ऐसा लगने लगा है कि अजित पवार को यह अहसास हो गया है कि महाराष्ट्र में नवंबर दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी एनसीपी को लोकसभा चुनाव से भी कम मराठा वोट मिलेंगे। तभी दो तीन दिन पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सेकुलर सिद्धांत पर आधारित है और भाजपा के साथ जाने के बाद भी उससे समझौता नहीं किया है। ऐसे में सेकुलर सिद्धांत और पार्टी को तोड़कर उन्हें जो गलती का अहसास हो रहा है वह अहसास अजित पवार को वापस शरद पवार की ओर ले जा सकता है।।