Mahakumbh Stampede: भीड़ में फंसे कई लोगों को मैंने बाहर निकाला…बस अपनी मां को नहीं उठा पाया….जानें बागेश्वरधाम के इस युवक की करुण कहानी
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या अमृत स्नान कई लोगों को लिए ताउम्र याद रहेगा। महाकुंभ में पर्व स्नान से पहले मची भगदड़ में 10 से ज्यादा लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। भगदड़ में कई श्रद्धालु घायल हुए हैं। वहीं कई लापता भी बताए जा रहे है।
तमाम आंखें अब भीड़ में अपने बिछड़े परिजनों को खोजती नजर आ रही हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिसे से भी एक बेटा भी अपनी मां को खोजता नजर आया। वहीं उत्तरप्रदेश के गोंडा के एक शख्स को अपने काका की तलाश थी।
महाकुंभनगर में बनाए अस्थाई अस्पताल के बाहर लोगों का मजमा लगा है। खड़े तमाम लोग अपनों की खोज में नजर आए। लापता परिजनों को खोजते रहे। इसके अलावा प्रयागराज के ही मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के बाहर भी भीड़ जमा थी। जिसमें अपनी मां को तलाशने पहुंचे जयप्रकाश सोनी भी शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम से महाकुंभ जयप्रकाश भी अपनी मां के साथ
महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचा था। जयप्रकाश ने बताया रात करीब 1 बजे अचानक भीड़ उमड़ी । बड़ती भीड़ से लोग एक-दूसरे पर गिरने और चढ़ने लगे। कई लोग भीड़ के पैरों तले दब गए। उसने ऐसे कई लोगों को निकाला जो गिर कर फंस गए थे। लेकिन वह भीड़ के बढ़ते ही अपनी मां को नहीं निकाल सका। भगदड़ के बीच भीड़ में उसके परिवार के भी कई सदस्य दब गए थे। फिर से उसने कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन उसकी जो भीड़ में मां काफी नीचे दब गईं थीं। जब उन्हें निकाला देर हो चुकी थी। देर से निकाली गईं मां की सांस फूल चुकी थी। फिर करीब आधे घंटे बाद मौके पर एंबुलेंस पहुंची तो जब घायल मां को अस्पताल भेजा गया।
लेकिन हादसे के तकरीबन 8 से 9 घंटे गुजर जाने के बाद भी अब जयप्रकाश सोनी को अपनी मां का कोई अता-पता मिल रहा है। वह जब केंद्रीय अस्पताल पहुंचा तो बताया गया कि मां को मेडिकल कॉलेज पहुंचा दिया गया है। ऐसे में वह मेडिकल कॉलेज पहुंचा हैं, जहां वह मां की तलाश कर रहा है।