केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया बीती रात अचानक ग्वालियर मेला देखने पहुंचे। यहां उन्होंने मेला घूमने के साथ ही गोलगप्पे और पाव भाजी का भी लुत्फ उठाया। इस दौरान उनके साथ शिवराज कैबिनेट में शामिल मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद रहे।
- ग्वालियर व्यापार मेला में पहुंचे महाआर्यमन सिंधिया
- आम आदमी की तरह मेले में किया भ्रमण
- महाआर्यमन ने दुकानदारों और वेंडरों से की बातचीत
- प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट भी रहे मौजूद
बता दें महाआर्यमन सिंधिया ने ग्वालियर पहुंचकर मेले का भ्रमण किया। उन्होंने एक सामान्य व्यक्ति की तरह मेले का आनंद उठाया। मेले में घूमकर लगभग सभी सेक्टर देखे। इसके अलावा महाआर्यमन ने दुकानदार और वेंडरों से भी चर्चा कह। तो वहीं मेले में लगे स्टाल पर खानपान का लुत्फ भी उठाया। बता दें कि ग्वालियर जिला प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट भी मेला भ्रमण के दौरान सिंधिया के बेटे महाआर्यमन के साथ दिखाई दिये। इस दौरान दोनों ही मेले की चटपटी चीजों का मजा लेते नजर आए।
मंत्री तुलसीराम सिलावट ग्वालियर जिले के प्रभारी हैं। ऐसे में जीडीसीए के उपाध्यक्ष महाआर्यमन सिंधिया जब देर शाम अचानक मेला देखने पहुंचे तो सिलावट भी मौजूद रहे। महाआर्यमन ने मेला दफ्तर के सामने अपनी कार लगाई औरर पैदल मेला के भ्रमण पर निकल पड़े। महाआयर्मन ने इस दौरान झूला सेक्टर, ऑटोमोबाइल सेक्टर, शिल्प बाजार, इलेक्ट्रॉनिक शोरूम के साथ खानपान बाजार में खूब भ्रमण किया। उन्होंने अनेक वेंडरों से व्यापार और परिवार के बारे में भी खुलकर बातचीत भी की।
महाआर्यमन के आसपास लगी रही भीड़
मेला भ्रमण के दौरान ही मंत्री तुलसी सिलावट और महाआर्यमन के साथ सिंधिया परिवार के समर्थक अनिल पुनियानी के मद्रास कैफे पर पहुंचे। जहां दोनों ने पाव भाजी, चाट और गोलगप्पे का लत्फ उठाया। वहीं मेले में जैसे ही महाआर्यमन सिंधिया के घूमने की खबर फैली सैलानियों की भीड़ उनके आसपास जमा हो गर्द। कई जबह रास्ता बंद हो गया, हर कोई महाआर्यमन के पास जाना चाहता था। उनके साथ सेल्फी लेना चाहता था।
जब सिंधिया ने तले भजिए
बता दें कि पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर व्यापार मेले का उद्घाटन किया था। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के साथ मेले में भ्रमण किया था। यहां मेले में सिंधिया का एक ठेले पर भजीया तलते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था। इतना ही नहीं ग्वालियर मेला का उद्घाटन कार्यक्रम के बाद केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने मेला भी घूमा और मेले से निकलकर एक यप्पी गेम जोन पर पहुंचे। यहां रिंग फेककर इनाम जीतने का प्रयास किया। इसके बाद एक मूंगफली के ठेले पर पहुंचकर ठेला चालक से हाल चाल जाना और सर्दी में अपना ख्याल रखने के लिए कहा।
117 साल पुराना है ग्वालियर व्यापार मेला
बता दें ग्वालियर व्यापार मेला करीब 117 साल पुराना है। इसका इतिहास भी रोचक है। शुरुआत 1905 में तत्कालीन शासक माधौराव सिंधिया ने की थी। इस साल मेला 117 साल पूरे कर लेगा। खास है कि इतने साल बाद भी मेला जवान है। इसका नूर हर साल बढ़ता ही जा रहा है। क्योंकि यहां पहुंचने वाले सैलानियों को सौगातें देने के लिए सरकार प्रयासरत रहती है। शुभारंभ सत्र में कुछ ऐसी घोषणा की जाती हैं। जिसका फायदा व्यापारियों के साथ खरीदारों को भी मिल जाता है। मेले में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रस्तुति देने के लिए ख्यात कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है।
मेला परिसर 104 एकड़ में फैला
मेला परिसर 104 एकड़ में फैला है। इसमें बनी कच्ची-पक्की दुकानों में ग्वालियर के अलावा दूसरे राज्यों से आए व्यापारी उत्पादों को सजाते हैं। कुछ चबूतरे भी हैं। जिन पर बैठकर खाने-पीने वाले सामान का विक्रय करते हैं। रेसक्राॅस स्थित व्यापार मेला मैदान को दिल्ली के प्रगति मैदान की तरह मध्य प्रदेश का प्रगति मैदान भी कहा जाता है। यहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कैलेंडर हर वर्ग को ध्यान में रखकर प्लान किया जाता है। इसमें कव्वाली, मुशायरा, कवि सम्मेलन ही नहीं चित्रकला स्पर्धा तक को भी शामिल किया जाता है।
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