महाकुंभ में इस नाविक परिवार ने की 45 दिन में की 30 करोड़ की कमाई…जानें CM योगी ने विधानसभा में क्यों की तारीफ
महाकुंभ 2025 से प्रयागराज का नाविक समुदाय भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के जिस नाविक पिंटू महारा का परिचय दिया था और उनके परिवार के पारंपरिक कारोबार में सफलता चर्चा की थी।अब उसके परिवार में 140 नावों का बेड़ा तैयार हो चुका है। इस बार महाकुंभ ने नाविक समुदाय की आमदानी में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इस नाविक परिवार ने महाकुंभ के 45 दिन में 30 करोड़ की कमाई की है।
- महाकुंभ के 45 दिन में 30 करोड़ की कमाई
- कोई मोबाइल तो कोई बाइक खरीद रहा
- महाकुंभ में हुई नाविकों की बल्ले बल्ले
- विधानसभा में सीएम योगी ने नाविक परिवार को सराहा
- सीएम योगी ने नाविक परिवार को बताया करोड़पति
महाकुंभ से नाविक परिवार की आर्थिक स्थिति में भी बड़ा बदलाव आया है। पिंटू महारा ने अपने कारोबार में 140 नावों का बेड़ा जोड़ा और पारंपरिक व्यवसाय को बढ़ा लिया है। महाकुंभ जो की विश्व केे सबसे बड़ा धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है। जहां अपनी भव्यता दिव्यता और नव्यता के लिए विश्व भर में अब तक महाकुंभ की चर्चा हो रही है। वहीं महाकुंभ 2025 से जुड़े लोगों के आर्थिक हालात भी बदल गये है। उनकी स्थिति का भी कायाकल्प हुआ है। जिसका बखान विधानसभा में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया। सीएम ने राज्य विधानसभा में जिस नाविक परिवार की चर्चा की है उस नाविक परिवार की संयुक्त रूप से अर्जित संपत्ति का आंकड़ा भी सदन में बताया तो सभी की निगाहें इस परिवार पर आकर ठहर गईं। ओर इस परिवार के बारे में अब जानने की उत्सुकता लोगों में बढ़ी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाविक पिंटू महरा कस संयुक्त परिवार महाकुंभ नगर क्षेत्र में ही निवास करता है। संयुक्त परिवार में एक व्यवस्थापक के तौर पर पिंटू महारा ने बताया कि महाकुंभ नगर क्षेत्र जैसे ही बसना शुरू हुआ था उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। भगवान श्री राम से आस्था रखने वाले उनके परिवार के सदस्य पूर्ण सेवा भाव के साथ पिछले चार माह से अनवरत रूप से महाकुंभ नगर क्षेत्र में डटा रहा था।
महरा परिवार का संयुक्त कारोबार एक बड़ा ग्रुप बनकर त्रिवेणी क्षेत्र में अपने परंपरागत व्यवसाय को नया आधार दिया। करीब 140 नाव के साथ 12 मोटरबोट की भी जोड़ा। बहनोई संतोष साहनी ने भी 10 नाव जोड़ी ,कुल मिलकर प्रतिदिन 120 से 130 नावों का आवागमन हुआ। सभी नावों पर 2 नाविकों को भी रोजगार मिला। इस हिसाब से उन्होंने लगभग 300 लोगों को स्वयं की व्यवसाय से रोजगार दे दिया। इन नाविकों की भी अच्छी कमाई हुई।
पिंटू मेहरा सुबह 4:00 बजे से रात 12:00 बजे तक अनिवार्य रूप से श्रद्धालुओं स्नार्थियों की सेवा में लग रहे उनका महाकुंभ में अनुभव भी बहुत लग रहा है। पिंटू मेरा बताते हैं कि देश की हर कोने से लोग आए जहां बड़े महानगरों दिल्ली गुजरात मुंबई चेन्नई से लोग आए वहीं बिहार झारखंड,छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
बोट व्यवसाय से जुड़े होने से अधिकांश वीवीआईपी लोगों की सेवा करने का अवसर मिला तो वही ऐसे लोग भी उनके संपर्क में आए जो दिव्यांग थे कमजोर थे या बीमार थे पैदल चलना मुश्किल था। लेकिन स्नान करना चाहते थे उनको नाव से स्नान करवा कर बड़ी आत्मिक सकून मिला। कुछ लोग आर्थिक रूप कमजोर थी तो उन्हें निःशुल्क भी स्नान करवा। किसी ने श्रद्धा से 50 रुपया भी दिया तो नाविक लोगों ने रख लिया। हालांकि बुकिंग के समय में वीवीआईपी लोगों से ठीक-ठाक पैसे भी नावों के हिसाब से मिले। जिसके कारण उनके पूरे नाविक समुदाय का जीवन में पहली बार इतना आर्थिक फायदा हुआ।
लेकिन इसके साथ ही पिंटू महारा यह भी बताया कि वह अरेल क्षेत्र के स्थापित हाई कोर्ट जेट्टी से अपने नाव और बोट का संचालन करते थे जिस पर प्रशासनिक, पुलिस,जल पुलिस,जेल पुलिस,रेलवे,हाय कोर्ट और अन्य विभाग से जुड़े लोगों को भी सहयोग करना पड़ता था। यह सब सेवा भाव में जुड़ा था। लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही की महाकुंभ नगर क्षेत्र में सनातन,आस्था का जो महासमुदर उमड़ा उसको देखकर उन्हें तो ऐसा लगा कि वह त्रेता युग में फिर से आ गए हैं। और जो भी श्रद्धालु है वह भगवान राम के रूप में घाट पर खड़े हैं उन्हें स्नान करना सकुशल उन्हें वापस घाट तक छोड़ना ही उनका सेवा धर्म है। जिस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं सनातनी हो वहां की व्यवस्था ऐसे ही दिव्य भव्य नव्य होगी जिसकी तुलना दुनिया में कहीं भी नहीं होगी। तभी तो संगम में आस्था का महासागर आ गया।
शुक्लावती के परिवार में हैं 100 लोग
शुक्लावती का उनका पैतृक व्यवसाय बिजली का ठेका कारोबार भी चला जिसकी नींव स्वर्गीय पिता बच्चाजी ने रखी थी। बड़े भाई प्रदीप महरा पार्षद हैं। इस पूरे एक परिवार में लगभग 100 सदस्य हैं और सभी का उनके कद के हिसाब से सहयोग मिला और गंगा मैया का आशीर्वाद मेहनत उन्हें आज इतना कुछ दे दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा दिन था। लेकिन मुख्यमंत्री ने जिस परिवार की चर्चा की उसका नाम उन्होंने नहीं लिया। और जो आंकड़ा प्रस्तुत किया वह भी कुछ ज्यादा है। महाकुंभ 2025 का जिस तरह से आगाज हुआ था यह संगम क्षेत्र से जुड़े हुए नविको के लिए ही नहीं बल्कि छोटे-मोटे व्यवसाय से लेकर बड़े व्यवसाय से जुड़े सभी तपके के लोगों के लिए अमृत स्वरूप वरदान साबित हुआ है। जो अनवरत रूप से आगे चलता रहेगा।